सीधी- जिले भर में ही नही पूरे प्रदेश में अपने कारनामों के लिए चर्चित जिले के एक व्यवसाई द्वारा अब जिले का विकास किया जाएगा और जिले को मल्टीप्लेक्स की सौगात दी जाएगी यह शब्द इतना ही आश्चर्यजनक लगता है जितना कि बिल्ली को दूध की रखवाली के लिए रखना…?
जी हां जिले भर में शिक्षा के क्षेत्र से शुरुआत कर अपना नाम बनाने की मुहिम करने वाले व्यवसायी द्वारा धीरे-धीरे जमीन की खरीद फरोख्त फिर भवन निर्माण का काम शुरू कर दिया गया और आश्चर्य की बात तो यह है कि हर बार कलंकित होने के बाद भी इनके हौसले इतने बुलंद है कि अब जिले को सर्व सुविधा युक्त मल्टीप्लेक्स देने का दावा कर रहे हैं गौर करने की बात यह है कि यह विकास जिले का है या की फिर खुद का…?
इनकी पहल ने जिले को शिक्षा के क्षेत्र में नया आयाम तो दिया लेकिन छात्रवृत्ति घोटाला कर अपनी जेब भरने का भी काम इनके द्वारा इतनी बेफिक्री से किया गया कि तत्कालीन प्रशासन द्वारा इन्हें जेल ही भिजवा दिया गया। बात यही नहीं रुकी इनके जमीन की खरीद फरोख्त और प्लाटिंग के व्यापार पर भी प्रशासन द्वारा नियम कायदो को दर किनार करने के चलते कई बार रोक लगाई गई और इन्हें नोटिस दिया गया लेकिन न जाने क्यों हर बार अपनी पकड़ और पैसे के बल पर उनके मामले रफा दफा होते रहे।
अभी हाल ही में कुछ दिनों पहले शहर के एक चर्चित डॉक्टर से लीज की जमीन खरीद कर उस पर अपने नाम की ब्रांडिंग करते हुए सभी नियमों को दरकिनार रख बड़ी बिल्डिंग का निर्माण कराया गया हालांकि संज्ञान पर बात आने पर प्रशासन द्वारा इस पर रोक भी लगाई गई और इसे अवैध बताया गया लीज की जमीन के विक्रय का प्रावधान नहीं होने पर भी इनके द्वारा उक्त जमीन को खरीदा गया और निर्धारित क्षेत्रफल से अधिक पर निर्माण कराया गया लेकिन न जाने कब प्रशासन की रोक हट गई और इनका मामला फिर से दब गया और रोक वाली जगह पर अब शानदार बिल्डिंग तैयार है इसके बारे में कोई बात ही नहीं करना चाहता। अपनी यात्रा को निरंतर रखते हुए इनके द्वारा ठेकेदारी में भी हाथ आजमाया जा रहा है और जिले में कई भावनाओं का ठेका लेकर उनका निर्माण भी कराया जा रहा है बहर हाल वहा नियम कायदो को कितनी तवज्जो दी जा रही है यह तो देखने वाली बात होगी लेकिन अब जिले को मल्टीप्लेक्स की सौगात देने की रेवड़ी बांट रहे व्यवसायी और उसके साथियों द्वारा जिले का कितना भला किया जाएगा यह अतीत की घटनाओं से आकलन किया जा सकता है। पैसे और सिर्फ पैसे के दम पर इनके द्वारा सभी का मुंह बंद कर दिया जाता है, तभी तो प्रशासन द्वारा लगाया ताला बिना किसी जांच के ही खुल जाता है। देखना होगा की हाल ही में हुए भूमि पूजन से कहां किसको कितना लाभ होता है और जिले का कितना विकास होता है।