Sidhi24news:विधायक के गृह क्षेत्र में भ्रष्टाचार का खेल: नल जल योजना की पानी टंकी की गुणवत्ता पर उठे सवाल
सीधी (मध्य प्रदेश): मध्य प्रदेश के सीधी जिले में नल जल योजना के तहत निर्माण की गई पानी की टंकी की गुणवत्ता को लेकर बड़े सवाल खड़े हो गए हैं। यह योजना क्षेत्रीय विधायक के गृह गांव रौहाल में लागू की गई थी, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों ने इस योजना को कटघरे में खड़ा कर दिया है। खास बात यह है कि भ्रष्टाचार का यह खेल विधायक के गृह क्षेत्र में ही हो रहा है, लेकिन स्थानीय विधायक तक यह मामला पहुंच नहीं पा रहा है, जिससे ग्रामीणों और समाजसेवियों में आक्रोश है।
नल जल योजना और पानी टंकी की विफलता
मध्य प्रदेश सरकार की नल जल योजना का उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में लोगों को स्वच्छ और सुरक्षित पानी उपलब्ध कराना है। इस योजना के तहत रौहाल गांव में लाखों रुपये की लागत से एक पानी टंकी का निर्माण कराया गया था। योजना के तहत इस टंकी से ग्रामीणों को पीने का पानी मिलने की उम्मीद थी, लेकिन निर्माण के बाद ही पानी टंकी ने निराश किया। जानकारी के अनुसार, जब टंकी का टेस्ट किया गया तो उसमें दरारें आ गईं, जिससे पानी लीक होने की समस्या पैदा हो गई। दरारों के कारण टंकी में पानी रुकने का नाम नहीं ले रहा था और वह पूरी तरह से फेल हो गई।
पाइपलाइन में भी हुआ भ्रष्टाचार
पानी टंकी का निर्माण कार्य घटिया सामग्री से हुआ था, लेकिन इससे भी बड़ी समस्या पाइपलाइन में सामने आई। टंकी से पानी की आपूर्ति करने के लिए 125 किलोलीटर की टंकी में 1200 मीटर पाइप की स्वीकृति दी गई थी, लेकिन जांच में यह पाया गया कि पाइप की लंबाई कम थी और इसमें भ्रष्टाचार किया गया था। टंकी से घरों तक पानी पहुंचाने के लिए 11,000 मीटर पाइप की आवश्यकता थी, लेकिन वहां भी मानक से कम पाइप का इस्तेमाल किया गया। पाइप की गुणवत्ता भी संदेहास्पद थी, जिससे यह साफ होता है कि परियोजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है।
विधायक को अनजान होने का आरोप
यह मामला और भी चौंकाने वाला है क्योंकि भ्रष्टाचार का यह खेल क्षेत्रीय विधायक के गृह गांव में ही चल रहा है, लेकिन विधायक तक यह मामला नहीं पहुंच पा रहा है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने इस मामले की शिकायत जनपद निधि को दी थी, लेकिन विधायक तक यह शिकायत नहीं पहुंची। इस पर क्षेत्रीय विधायक कुंवर सिंह टेकाम के खिलाफ सवाल उठ रहे हैं कि क्या वह इस मामले से अनजान हैं या फिर जान-बूझकर इस पर कोई कार्रवाई नहीं करना चाहते। ग्रामीणों का आरोप है कि यदि उनके अपने गांव में ही भ्रष्टाचार हो रहा है, तो दूसरे गांवों का क्या हाल होगा?
रिवाइज का खेल: भ्रष्टाचार की नई परत
इस पूरे मामले में एक और नया मोड़ तब आया जब यह खबर सामने आई कि अब पानी टंकी को रिवाइज करने का खेल भी चल रहा है। रिवाइज करने के नाम पर एक और मोटा पैसा निकाला जा रहा है। जो टंकी पहले ही टूट-फूट का शिकार हो चुकी है, उसे सुधारने के नाम पर ठेकेदार और कर्मचारी और भी धन उगाहने की योजना बना रहे हैं। यह स्थिति इस बात को दर्शाती है कि टंकी के निर्माण से लेकर इसके रिवाइज तक हर कदम पर भ्रष्टाचार का खेल खेला जा रहा है।
समाजसेवी ने चेतावनी दी: एसडीएम कार्यालय का घेराव
समाजसेवी आनंद सिंह दुआ ने इस मामले की गंभीरता को लेकर चिंता व्यक्त की है और चेतावनी दी है कि अगर विभाग ने समय रहते इस मामले की जांच नहीं की और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की, तो वह ग्रामीणों के साथ कुसमी एसडीएम कार्यालय का घेराव करेंगे। उन्होंने कहा, “हमने जानकारी प्राप्त की है कि जल जीवन मिशन योजना के तहत कुसमी ब्लॉक में कई पानी की टंकियां बनाई गई हैं, जिनमें घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया है। रौहाल गांव में पानी की टंकी में लीकेज की शिकायत आई है, और अगर जांच नहीं की जाती है तो हम विरोध प्रदर्शन करेंगे।”
विधायक की चुप्पी पर उठ रहे सवाल
विधायक कुंवर सिंह टेकाम की चुप्पी इस मामले में सबसे बड़ी चिंता का विषय बन गई है। उनके गृह क्षेत्र में हो रहे इस बड़े भ्रष्टाचार पर उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। यह सवाल उठने लगा है कि क्या विधायक भ्रष्टाचार को अनदेखा कर रहे हैं या फिर वे इस मामले में किसी दबाव में हैं। स्थानीय नेताओं और समाजसेवियों ने विधायक से तत्काल कार्रवाई की मांग की है, ताकि गांव के लोगों को न्याय मिल सके और भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
यह मामला न केवल सीधी जिले के रौहाल गांव की स्थिति को उजागर करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भ्रष्टाचार किस हद तक फैल चुका है, और यह योजना जो जनता की भलाई के लिए बनाई गई थी, वह भ्रष्टाचार के कारण नष्ट हो रही है। विधायक और स्थानीय प्रशासन के पास अब यह अवसर है कि वे इस मामले में गंभीरता से कार्रवाई करें, ताकि भविष्य में ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति न हो और लोगों को उनकी योजनाओं का वास्तविक लाभ मिल सके।