Sidhi24news;अधीक्षक पर मेहरवान है विभाग के वरिष्ठ अधिकारी
मेहरवान अधिकारियों के कारण 6 बच्चों की जान खतरें से टली
सीधी, जनजातीय कार्य विभाग के आदिवासी बालक आश्रम चौफाल पवाई में अधीक्षक अनिल जायसवाल की लापरवाही एक बार फिर से सामने आई है। जानकारी के अनुसार, आदिवासी बालक आश्रम में 50 सीटर्स बच्चों में केवल छह बच्चे उपस्थित थे। बच्चों की कम संख्या के कारण एक बड़ा हादसा टल गया।
आगजनी की घटना
बालक आश्रम के बच्चों ने बताया कि एकादशी की रात लगभग 11 बजे अचानक आग लग गई, जिससे आश्रम में अफरा-तफरी मच गई। इस आगजनी में आश्रम में रहने वाले बच्चों के खाने, रहने और पठन-पाठन की सभी सामग्री जलकर खाक हो गई। इस घटना ने आश्रम में रहने वाले गरीब बच्चों के मन में भयानक डर पैदा कर दिया है, जिससे अनुपस्थित छात्र भी अब आश्रम में आने में हिचकिचा रहे हैं। माता-पिता भी अपने बच्चों को आश्रम भेजने में डरे हुए हैं।
अधिकारियों का मौन
हालांकि, जब इस मामले में जनजातीय कार्य विभाग के अधिकारियों से पूछा गया, तो उन्होंने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया और कहा कि ऐसी कोई घटना घटित नहीं हुई। इससे यह स्पष्ट होता है कि अधीक्षक की अधिकारियों के साथ साठ-गांठ बनी हुई है।
पूर्व में भी रही है लापरवाही
यह पहली बार नहीं है जब अधीक्षक अनिल जायसवाल पर आरोप लगे हैं। वे पहले मेडरा बालक आश्रम में पदस्थ थे, जहां भी कई गड़बड़ियों के कारण ग्रामीणों ने उन्हें आश्रम में ही बंदी बना दिया था। इसके बाद मंडल संयोजक राजेश पटेल द्वारा मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों से बात कर उन्हें मुक्त कराकर आदिवासी बालक आश्रम नौढ़िया में पदस्थ किया गया।
लापरवाहियों का सिलसिला
हालांकि, यहां भी उनकी लापरवाहियों का सिलसिला जारी रहा, जिसके कारण उन्हें नौढ़िया से हटाकर चैफाल पवाई में पदस्थ किया गया। अधीक्षक श्री जायसवाल को जहां भी पदस्थ किया जाता है, वहां बच्चों की उपस्थिति में निरंतर कमी आ जाती है।
इस पूरे घटनाक्रम से यह स्पष्ट है कि अधीक्षक की बार-बार की लापरवाहियों के बावजूद वरिष्ठ अधिकारियों का ध्यान इस ओर नहीं जा रहा है। बच्चों की सुरक्षा को लेकर यह स्थिति चिंताजनक है और इस पर तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है।