30 नवंबर को शंकरपुर भदौरा में रेल रोको आंदोलन, क्षेत्रीय समस्याओं को लेकर बढ़ेगा दबाव
अमित श्रीवास्तव
सीधी जिले के शंकरपुर भदौरा में कई वर्षों से रेल स्टॉपेज की मांग की जा रही है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। क्षेत्रीय निवासियों की ओर से बार-बार रेलवे प्रशासन से आश्वासन मिलने के बावजूद, रेल स्टॉपेज की सुविधा शुरू नहीं हो पाई है, जिससे स्थानीय लोगों को जबलपुर जाने में दिक्कत हो रही है। खासकर इंटरसिटी और शक्तिपुंज एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों के गुजरने से यात्रियों को भारी परेशानी होती है।
शंकरपुर भदौरा, सीधी जिले का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है, जिसकी दूरी करीब 30 से 36 किलोमीटर तक है। यह स्टेशन कुसमी ब्लॉक के आदिवासी क्षेत्र में स्थित है और छत्तीसगढ़ से सीधी जिले को जोड़ने वाले मुख्य मार्ग पर है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस स्टेशन पर रेल रुकने की व्यवस्था अत्यंत जरूरी है, क्योंकि यह क्षेत्रवासियों के लिए जीवन रेखा साबित हो सकता है।
इसके अलावा, शंकरपुर भदौरा में बन रहे अंडर ब्रिज के कारण भी स्थानीय लोग परेशान हैं। अंडर ब्रिज में पानी भर जाने से बड़े वाहन सीधी और कुसमी मार्ग पर आवागमन में कठिनाई महसूस कर रहे हैं। इस समस्या के समाधान के लिए ओवर ब्रिज बनाने की मांग उठाई जा रही है।
इस पूरे मुद्दे को लेकर 30 नवंबर 2024, शनिवार को क्षेत्रीय लोग एक बार फिर रेल रोको आंदोलन करने जा रहे हैं। इस आंदोलन का नेतृत्व कांग्रेस नेता आनंद सिंह ददुआ करेंगे, जिन्होंने पहले भी इस मुद्दे को लेकर रेल प्रशासन से कई बार मुलाकात की और आश्वासन प्राप्त किया, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
आंदोलन में शामिल होने वाले क्षेत्रीय नागरिकों का कहना है कि यदि उनके मुद्दों का समाधान नहीं हुआ, तो वे और भी बड़े आंदोलन की योजना बना सकते हैं।