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Mp news:मध्यप्रदेश में बिजली बिल वसूली के नए नियम: कनेक्शन धारक और उनके परिवार के खातों से वसूला जाएगा बकाया

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Mp news:मध्यप्रदेश में बिजली बिल वसूली के नए नियम: कनेक्शन धारक और उनके परिवार के खातों से वसूला जाएगा बकाया

जबलपुर-मध्यप्रदेश सरकार ने बिजली बिलों की बकाया वसूली को लेकर एक नया आदेश जारी किया है, जिसके तहत अब बिजली कनेक्शन धारक के परिवार के किसी सदस्य के बैंक खाते से भी वसूली की जाएगी। यदि किसी उपभोक्ता का बिजली बिल लंबित है और उसका कनेक्शन किसी परिवार के सदस्य के नाम पर है, तो बिजली वितरण कंपनियां अब कनेक्शन धारक के परिवार के सदस्य के बैंक खाते से भी बकाया राशि की वसूली कर सकती हैं। इस कदम के पीछे उद्देश्य राज्य में बिजली बिलों की बकाया राशि को शीघ्र वसूलना और कनेक्शन धारकों को जिम्मेदारी का अहसास दिलाना है।

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कलेक्टर की अध्यक्षता में जिलास्तरीय कमेटी का गठन

सरकार ने इसके लिए जिलास्तरीय एक विशेष कमेटी गठित करने का निर्देश दिया है, जिसमें कलेक्टर की अध्यक्षता होगी। कमेटी में पुलिस अधीक्षक, सीईओ जिला पंचायत, नगर निगम आयुक्त, और मुख्य नगर पालिका अधिकारी सदस्य होंगे। विद्युत वितरण कंपनी के अधीक्षण अभियंता को कमेटी का संयोजक बनाया गया है। यह कमेटी उपभोक्ताओं का केवाईसी (Know Your Customer) करेगी और डेटा एनालिसिस के आधार पर उन उपभोक्ताओं की पहचान करेगी, जो सक्षम होते हुए भी बिजली का पूरा बिल नहीं चुका रहे हैं।

कमेटी के पास यह अधिकार होगा कि वह उन उपभोक्ताओं की पहचान करे, जो एक से ज्यादा कनेक्शन लेकर बिजली का गलत लाभ उठा रहे हैं। इसके अलावा, कमेटी बिजली की चोरी रोकने, अवैध कॉलोनियों में बिजली की आपूर्ति को नियंत्रित करने और पावर इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारने के लिए कदम उठाएगी।

बकाया वसूली के लिए विकल्प और छूट की योजना

मध्यप्रदेश में बिजली वितरण कंपनियों पर कुल 11,560 करोड़ रुपए का बकाया है, जिसमें 3,173 करोड़ रुपए का अधिभार (सरचार्ज) शामिल है। बकाया राशि की वसूली के लिए सरकार ने तीन प्रमुख विकल्प तैयार किए हैं, जिनके तहत उपभोक्ताओं को एकमुश्त भुगतान पर अधिभार में छूट देने का प्रस्ताव है।

पहला विकल्प यह है कि अगर उपभोक्ता 10,000 रुपए तक का बकाया एकमुश्त चुकता करते हैं, तो उन्हें अधिभार में 75% छूट मिलेगी। इसके अलावा, अगर उपभोक्ता 10,001 से 25,000 तक का बकाया चुकता करते हैं तो 60% छूट मिलेगी। 25,001 से 50,000 तक के बकाए पर 50% छूट और 50,001 से 1,00,000 तक के बकाए पर 40% छूट मिलेगी। 1 लाख से अधिक बकाया होने पर उपभोक्ता को 30% छूट का लाभ मिलेगा।

दूसरा विकल्प यह है कि यदि उपभोक्ता बकाया राशि एकमुश्त चुका देते हैं तो उन्हें फ्लैट 75% की छूट मिलेगी। और तीसरा विकल्प यह है कि जो उपभोक्ता 6 समान किस्तों में अपना बकाया चुकता करते हैं, उनके लिए अधिभार में 25% की छूट दी जाएगी।

बिजली सब्सिडी में बदलाव की तैयारी

मध्यप्रदेश सरकार ने “अटल गृह ज्योति” योजना के तहत मिलने वाली सब्सिडी में भी बदलाव की योजना बनाई है। वर्तमान में, राज्य में घरेलू उपभोक्ताओं को 100 यूनिट बिजली 100 रुपये में दी जाती है। लेकिन सरकार इस सब्सिडी को घटाने की तैयारी में है। प्रस्ताव है कि अब 100 यूनिट बिजली के लिए उपभोक्ता को 150 रुपये देने होंगे। इसके अलावा, सब्सिडी की पात्रता को भी घटाया जा सकता है। फिलहाल, 150 यूनिट तक की खपत वाले उपभोक्ता सब्सिडी का लाभ लेते हैं, लेकिन इस सीमा को घटाकर 100 यूनिट तक करने का प्रस्ताव है। इससे लगभग 62 लाख उपभोक्ता सब्सिडी के दायरे से बाहर हो सकते हैं।

उपभोक्ताओं के लिए चेतावनी और नसीहत

मध्यप्रदेश सरकार की इस पहल का उद्देश्य राज्य के वित्तीय संकट को दूर करना और बिजली वितरण कंपनियों के लिए स्थिर राजस्व सुनिश्चित करना है। यह कदम उन उपभोक्ताओं के लिए एक कड़ा संदेश है, जो जानबूझकर बिजली बिल नहीं भरते और सरकार की दी हुई सुविधाओं का गलत लाभ उठाते हैं। अब उनके परिवार के किसी सदस्य के बैंक खाते से बकाया राशि की वसूली की जाएगी, जिससे उपभोक्ताओं को अपनी जिम्मेदारी का अहसास होगा।

सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि वसूली की प्रक्रिया के दौरान किसी भी तरह की हिंसा या विरोध की स्थिति में कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी और बिजली कर्मचारियों की सुरक्षा की भी जिम्मेदारी जिलास्तरीय कमेटी की होगी।

मध्यप्रदेश सरकार के इस नए कदम से राज्य में बिजली के बकाए को नियंत्रित करने और उपभोक्ताओं को उनकी जिम्मेदारी का एहसास दिलाने में मदद मिल सकती है। हालांकि, सब्सिडी में कटौती और बकाया वसूली के नए नियमों से कुछ उपभोक्ताओं को मुश्किल हो सकती है, लेकिन यह कदम राज्य के वित्तीय स्थिति को सुधारने और बिजली वितरण कंपनियों के विकास के लिए आवश्यक है।

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