Sidhi24news:गौ संरक्षण एवं संवर्धन के लिए म.प्र. में गोवर्धन पूजा का आयोजन
-सीधी विधायक रीती पाठक ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ किया गौ-माता का पूजन
सीधी, 02 नवम्बर 2024:मध्यप्रदेश में गौ संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में एक अभिनव पहल की गई है। इस पहल के अंतर्गत जिले की गौशालाओं में गोवर्धन पूजा और मध्यप्रदेश स्थापना दिवस समारोह का आयोजन किया गया। यह आयोजन जिले की गौशाला, कामधेनु गौशाला नेबूहा पश्चिम में विधायक रीती पाठक की मुख्य आतिथ्यता में आयोजित हुआ।
कार्यक्रम का आयोजन
इस अवसर पर गोवर्धन पूजा का विधिपूर्वक आयोजन किया गया, जिसमें विधायक श्रीमती पाठक ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ गौ-माता का पूजन किया। कार्यक्रम में गौ माता को विशेष भोज अर्पित किया गया, जिसमें चारा और फल शामिल थे। विधायक पाठक ने उपस्थित जनसमुदाय को म.प्र. के स्थापना दिवस और गोवर्धन पूजा की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश धर्म, प्रकृति और संस्कृति को साथ लेकर प्रगति की ओर अग्रसर है।
विधायक ने आगे कहा कि प्रदेश अब बीमारू राज्य नहीं, बल्कि एक समृद्ध और प्रगतिशील प्रदेश बन चुका है। उन्होंने कहा, “हमारा मध्यप्रदेश नित नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है और हम स्वर्णिम म.प्र. की ओर बढ़ रहे हैं।” उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का उल्लेख किया, जैसे कि सभी को पक्का आवास, नल से शुद्ध पेयजल, रसोई में गैस चूल्हा, और स्वास्थ्य सेवाएं।
गौ संरक्षण की आवश्यकता
कार्यक्रम में विधायक ने गौवंश की सुरक्षा और संरक्षण के लिए नागरिकों से सक्रिय भागीदारी की अपील की। उन्होंने कहा कि यदि हम प्रकृति का सम्मान और सुरक्षा करेंगे, तभी हमारा जीवन और भविष्य सुरक्षित रहेगा। इस संदर्भ में उन्होंने नागरिकों से आग्रह किया कि वे गौवंश की देखभाल में योगदान दें, क्योंकि यह हमारी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है।
जिला पंचायत अध्यक्ष मंजू सिंह ने भी सभी उपस्थित लोगों को दीपावली और गोवर्धन पूजा की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, “प्रकृति ने हमें बनाया है, इसलिए उसका संरक्षण हमारी जिम्मेदारी है। हमें अपने त्यौहारों में प्रकृति के संरक्षण का संदेश आत्मसात करना चाहिए।”
जनपद अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह परिहार ने गौवर्धन पूजा से जुड़ी पौराणिक कथा का उल्लेख किया, जिसमें गौशालाओं के सुचारू संचालन की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि गौशालाएं केवल उन पशुओं के लिए हैं जिनके कोई मालिक नहीं हैं, और स्थानीय नागरिकों को इस दिशा में योगदान देना चाहिए।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ
इस अवसर पर मध्यप्रदेश गान का गायन किया गया, और विभिन्न लोक कलाओं की प्रस्तुतियां भी हुईं। गांधी ग्राम के हंसराज बैगा के दल ने सैला नृत्य प्रस्तुत किया, जबकि ग्राम डोल कोठार के कलाकारों ने कर्मा नृत्य पेश किया। विधायक रीती पाठक ने लोक संस्कृति के संरक्षण में योगदान देने वाले कलाकारों को 10,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की।
कार्यक्रम के अंत में गौसेवकों को शाल और श्रीफल देकर सम्मानित किया गया, जिससे उनकी सेवा भावना को सराहा गया। इस कार्यक्रम में जिला पंचायत सदस्य सरस्वती बहेलिया, सरपंच सुशीला भूर्तिया, उपखंड अधिकारी गोपद बनास नीलेश शर्मा, और अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी और ग्रामीण उपस्थित रहे।
श्यामा कामधेनु गौशाला में गोवर्धन पूजा
इसी दिन सिहावल विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत तरका में भी श्यामा कामधेनु गौशाला में गोवर्धन पूजा का आयोजन हुआ। विधायक विश्वामित्र पाठक ने इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। इस पूजा में मंत्रोच्चारण के साथ गोवर्धन पूजा की गई, और गौ माताओं को चारा और फल अर्पित किए गए।
विधायक पाठक ने कहा कि गौवंश की पूजा हमारी संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और गौ सेवा हमारी परंपरा रही है। उन्होंने बताया कि देश की 75 प्रतिशत आबादी किसी न किसी रूप में गौसंवर्धन एवं पशुपालन से जुड़ी हुई है। इसके अलावा, उन्होंने गौशालाओं के लिए शासन की योजनाओं का विवरण देते हुए बताया कि प्रति गौवंश प्रोत्साहन राशि को 20 रुपये से बढ़ाकर 40 रुपये किया गया है, जिससे गौशालाओं का संचालन सुगम हो सके।
समुदाय की जिम्मेदारी
विधायक ने उपस्थित जनसमुदाय से आग्रह किया कि वे गौशालाओं को पालतू मवेशियों के लिए न समझें। उन्होंने कहा, “आप अपने गौवंश की देखभाल अपने घर पर करें। गौशालाएं उन पशुओं के लिए हैं जिनके कोई मालिक नहीं हैं।”
उपखंड अधिकारी एस.पी. मिश्रा ने गोवर्धन पूजा के महत्व, गौशाला प्रबंधन और पशुपालन विभाग की जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने उपस्थित लोगों से अपील की कि वे गौवंश के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझें और उनकी देखभाल में सक्रिय भूमिका निभाएं।
इस प्रकार, गौ संरक्षण एवं संवर्धन के लिए आयोजित यह कार्यक्रम केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि समाज में एक जागरूकता लाने का प्रयास था। यह कार्यक्रम हमें याद दिलाता है कि हमारी संस्कृति में गौवंश का क्या महत्व है और हमें इसे संरक्षित करने की आवश्यकता है। इस प्रकार के आयोजनों से न केवल गौवंश की सुरक्षा होती है, बल्कि यह हमें अपने सांस्कृतिक मूल्यों के प्रति भी जागरूक करता है।
इस कार्यक्रम ने यह भी दिखाया कि जब समाज एकजुट होता है, तो वह अपने सांस्कृतिक धरोहरों और प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा कर सकता है। विधायक और स्थानीय नेताओं की सक्रियता इस दिशा में एक सकारात्मक संकेत है, जो मध्यप्रदेश को एक स्वस्थ, सक्षम और सशक्त प्रदेश की ओर अग्रसर करने में सहायक होगी।