Sidhi24news:मोहन कैबिनेट का महत्वपूर्ण निर्णय: रेप पीड़िताओं को 10 लाख रुपये की सहायता
भोपाल-मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण कैबिनेट बैठक में कई प्रमुख निर्णय लिए हैं। इनमें नाबालिग रेप पीड़िताओं को 10 लाख रुपये की सहायता प्रदान करने का निर्णय शामिल है। यह फैसला राज्य सरकार की ओर से पीड़िताओं की मदद करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इस फंड का प्रबंधन हर जिले के कलेक्टर द्वारा किया जाएगा, जिससे कि पीड़िताओं को शीघ्र सहायता मिल सके।
इसके अलावा, कैबिनेट ने सरकारी नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं के लिए राहत की खबर भी दी है। राज्य में एक लाख सरकारी पदों पर भर्ती की प्रक्रिया दिसंबर 2024 तक प्रारंभ की जाएगी। इनमें स्वास्थ्य विभाग के 7900 पद भी शामिल हैं। इन भर्तियों को पीएससी और कर्मचारी चयन मंडल के माध्यम से किया जाएगा, जिससे कि योग्य उम्मीदवारों को अवसर मिल सके।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि सरकारी कर्मचारियों को इस माह 28 तारीख को वेतन का भुगतान किया जाएगा। यह कदम सरकारी कर्मचारियों के लिए एक सकारात्मक संकेत है और उन्हें समय पर वेतन मिलने से उनके आर्थिक हालात में सुधार होगा।
राज्य में सड़कों के विकास पर भी ध्यान दिया गया है। भोपाल से कानपुर तक 27 सड़कों का निर्माण किया जाएगा, जिसकी कुल लागत 20403 करोड़ रुपये होगी। इस परियोजना से न केवल सड़क परिवहन में सुधार होगा, बल्कि क्षेत्र के विकास में भी योगदान मिलेगा।
कांग्रेस पार्टी ने नाबालिग रेप पीड़िताओं को सहायता देने के निर्णय पर सवाल उठाते हुए कहा है कि सरकार ने इस मुद्दे पर ध्यान नहीं दिया है कि रेप की घटनाएं कैसे रुकेंगी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि सरकार के पास न तो पर्याप्त पुलिस बल है और न ही आधुनिक संसाधन। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सरकार की योजनाएं विफल साबित हो रही हैं।
कैबिनेट बैठक में आंगनवाड़ी केंद्रों के विकास पर भी चर्चा हुई। 12670 मिनी आंगनवाड़ी केंद्रों को पूर्ण आंगनवाड़ी बनाने का निर्णय लिया गया है, जिसके लिए 12670 सहायक और 476 सुपरवाइजर के पदों की स्वीकृति दी गई है। इस पर कुल 213 करोड़ रुपये का वार्षिक खर्च आएगा।
निवेश के अवसरों के संदर्भ में, डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने बताया कि रीवा में उद्योग निवेश को लेकर एक रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित किया जाएगा। इसमें रिलायंस, हिंडाल्को, और पतंजलि जैसे बड़े उद्योगपति शामिल होंगे। यह आयोजन मध्य प्रदेश के आर्थिक विकास में एक नई दिशा देने की क्षमता रखता है।
आवश्यकता के अनुसार प्रशासनिक इकाइयों के पुनर्गठन के लिए भी कदम उठाए जाएंगे। यह प्रक्रिया नवंबर से प्रारंभ होगी, और नागरिकों से सुझाव आमंत्रित किए जाएंगे।
इन निर्णयों के माध्यम से, मोहन यादव सरकार ने न केवल समाज के कमजोर वर्गों के प्रति अपनी संवेदनशीलता दिखाई है, बल्कि रोजगार के अवसर भी सृजित करने का प्रयास किया है। अब देखना यह है कि ये योजनाएं कितनी प्रभावी सिद्ध होती हैं और उन्हें लागू करने में सरकार कितना सफल होती है।