Sidhi24news:सीधी में खाद्य औषधि विभाग की टीम ने डेयरी दुकानों पर छापामारी की
सीधी– त्यौहारों के मौसम में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए खाद्य औषधि विभाग ने शहर में दो प्रमुख डेयरी दुकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई लालता चौक स्थित गोपाल डेयरी और सब्जी मंडी में हारून खोबा वाली दुकान पर की गई। निरीक्षक दिनेश लोधी के नेतृत्व में की गई इस कार्रवाई का उद्देश्य मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री पर रोक लगाना है, विशेषकर दीपावाली जैसे त्योहारों के दौरान।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुपालन में, अपर जिला दंडाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को आवश्यक कदम उठाने के लिए कहा। निर्देश में उल्लेखित था कि सभी दुकानों और प्रतिष्ठानों का औचक निरीक्षण किया जाए और खाद्य पदार्थों के सैंपल लिए जाएं।
गोपल डेयरी से गाय के दूध, पनीर और सफल मटर के सैंपल लिए गए, जबकि हारून खोबा वाली दुकान से क्रीम, पनीर और दूध के सैंपल एकत्रित किए गए। ये सैंपल भोपाल प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजे गए हैं। जांच के परिणाम आने के बाद, दोषी पाए जाने वाले दुकानदारों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
हालांकि, इस छापेमारी के बाद स्थानीय कारोबारियों में हड़कंप मच गया है। यह देखकर आश्चर्य होता है कि निरीक्षण के दौरान केवल एक दुकान का सैंपल लिया गया, जबकि लालता चौक में आधा दर्जन से अधिक डेयरी संचालित हैं। ऐसे में यह प्रश्न उठता है कि क्या खाद्य औषधि विभाग अन्य संभावित मिलावटखोरों पर ध्यान दे पाएगा या नहीं।
इसके अलावा, दीपावाली की तैयारियों के चलते कई होटलों में नकली मावा और अन्य खाद्य पदार्थों का भंडारण किया जा रहा है। इन स्थानों पर अभी तक कोई जांच टीम नहीं पहुंची है, जिससे यह आशंका बढ़ गई है कि त्यौहारों के समय में मिलावटखोरी का खतरा बढ़ सकता है।
खाद्य औषधि विभाग की यह कार्रवाई एक सकारात्मक पहल है, लेकिन इसे निरंतरता और व्यापकता के साथ जारी रखने की आवश्यकता है। यदि विभाग केवल कुछ दुकानों पर ध्यान केंद्रित करेगा, तो यह पूरी व्यवस्था को प्रभावित कर सकता है।
समुदाय की सेहत और सुरक्षा के लिए यह आवश्यक है कि सभी खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए। मिलावटखोरों के खिलाफ ठोस कार्रवाई न केवल बाजार में प्रतिस्पर्धा को बढ़ाएगी, बल्कि लोगों के विश्वास को भी मजबूत करेगी।
अंततः, यह कार्रवाई केवल एक शुरुआत है; निरंतरता और गंभीरता से ही हम मिलावटखोरी के खिलाफ प्रभावी तरीके से लड़ सकते हैं। खाद्य औषधि विभाग को चाहिए कि वे अपने निरीक्षण को व्यापक बनाएं और सभी संभावित स्रोतों पर ध्यान दें, ताकि शहरवासियों को सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण खाद्य सामग्री उपलब्ध हो सके।