Sidhi24news;बैंक के खिलाफ एक हजार करोड़ का दावा किया, जबकि उन्होंने लोन नहीं लिया
इंदौर: एक उद्योगपति ने कैनरा बैंक के खिलाफ एक हजार करोड़ रुपये का दावा दायर किया है, जबकि उन्होंने न तो बैंक से कोई ऋण लिया और न ही किसी मामले में जमानत दी। इसके बावजूद, बैंक ने उन्हें 14 वर्षों तक डिफाल्टर और गारंटर के रूप में प्रदर्शित किया।जब उन्हे पता चल की हजार करोड़ का डिफाल्टर हु तो उनके पैर तले जमीन खिसक गई उद्योगपति सुरेश शर्मा का आरोप है कि बैंक ने उन्हें बिना किसी वैध आधार के विभिन्न अखबारों में गारंटर, डायरेक्टर और डिफाल्टर के रूप में दिखाया, जिससे उनकी औद्योगिक साख को गंभीर नुकसान हुआ। शर्मा का कहना है कि उन्होंने वर्टेक्स स्पिनिंग लिमिटेड नामक कंपनी स्थापित की थी, जिसे बाद में अन्य सदस्यों को सौंप दिया था।
बैंक की कार्रवाई: शर्मा द्वारा कंपनी से अलग होने के बाद, बैंक ने उस कंपनी के खिलाफ एक्रेलिक स्पिनिंग प्लांट के लिए ऋण की वसूली का प्रयास किया, जिसके लिए कंपनी ने 23 करोड़ रुपये का ऋण लिया था। इस ऋण की वसूली के लिए बैंक ने शर्मा का नाम विभिन्न विज्ञापनों में छापकर उनकी साख को नुकसान पहुँचाया।
हाई कोर्ट का आदेश:आखिरकार, शर्मा ने उच्च न्यायालय की शरण ली। कोर्ट ने बैंक से पूछा कि उन्होंने शर्मा को डिफाल्टर और गारंटर के रूप में क्यों दर्शाया, जिसके जवाब में बैंक अधिकारी असमर्थ रहे। कोर्ट के आदेश के बाद बैंक ने शर्मा का नाम इन श्रेणियों से हटा दिया। दावे की रकम अब शर्मा ने जिला न्यायालय में बैंक के खिलाफ एक हजार करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति का दावा किया है, जिसमें उन्होंने कहा कि बैंक की लापरवाही के कारण उनकी औद्योगिक साख को गंभीर नुकसान हुआ है और उनकी कंपनियों को बाम्बे स्टॉक एक्सचेंज में डीलिस्ट किया गया।
सुनवाई की तारीख: 14 अक्टूबर को मामले की अगली सुनवाई होगी।
यह मामला न केवल औद्योगिक साख के मामले में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह दर्शाता है कि बिना किसी गलती के भी व्यक्ति को कैसे गंभीर नुकसान हो सकता है और कानूनी सहायता लेने की आवश्यकता हो सकती है।