Sidhi 24news;नवागत सहकारी बैंक सीईओ ने मांगी भ्रष्टाचार की फाइलें
खुद को फसते देख छुट्टी पर चले गए प्रभारी सीईओ, मामला गबन के दोषी बैंक कर्मी को शाखा प्रबंधक बनाने का
एक भाई ने तैयार की थीं 11 करोड़ की फर्जी बैंक गारंटी सीधी,
सीधी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक सीधी में लंबे समय रिक्त पड़ी सीईओ की कुर्सी को राज्य सरकार ने भर दिया है। सागर से स्थानांतरित होकर सीधी आए नवागत सीईओ कमल मकाने ने पदभार ग्रहण कर लिया है। श्री मकाने ने पदभार ग्रहण उपरान्त मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि सीधी जिले में बैंक की स्थिति अच्छी नहीं है, यहां सबसे पहले किसानों को जागरुक होना पड़ेगा, सभी किसान अपने अपने खातों की केवाइसी करवाए और अगर पहले से करवाया हैं तो उसको अपडेट करवाते रहें, जिससे हमें हमारे बैंक खातों की जानकारी मिलती रहें। मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए उन्होने कहा कि घोटालों की जानकारी मिली है, फाइल सामने आएं तो समझने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। प्रभारी सीईओ रहें चंद्रशेखर पाण्डेय छुट्टी पर चले गए और उनके द्वारा ही कुछ आदेश जारी किए गए हैं, वो आ जाएं तो फाइलों का अवलोकन किया जाय। ज्ञात हो कि नवागत सीईओ कमल मकाने की कार्यशैली से यह दिखने लगा है कि अगर वह कुछ दिनों तक सीधी में पदस्थ रहें तो जिला सहकारी बैंक सीधी में व्याप्त भ्रष्टाचार पर पाबंदी लगने के साथ साथ कई अहम राज भी उजागर हो सकतें है।इसलिए फिर चर्चा में हैं बैंकअमिलया शाखा में पदस्थ नोडल अधिकारी दान बहादुर सिंह के खिलाफ पूर्व में सिंगरौली जिले के जियावन थाना में खयानत के आरोप में एफआईआर दर्ज हैं,
पूर्व में दर्ज है कई मामले
बताया गया है कि जिस बैंक कर्मी को शाखा प्रबंधक मोरवा की जिम्मेदारी सौंपी गई है उसके खिलाफ पूर्व में कई मामले दर्ज हैं, इतना ही नहीं जियावन थानें में इनके खिलाफ कूटरचना का प्रमाण पाए जाने पर धारा 420,467,468,471 का मामला भी दर्ज हो चुका है बाबजूद इसके ऐसे कर्मचारी के प्रति प्रभारी बैंक सीईओ की उदारता समझ से परे रही। उधर आर टी आई एक्टिविस्ट एवं अधिवक्ता बी के माला ने कहा कि प्रभारी सीईओ ने जिसे मोरवा शाखा प्रबंधक की जिम्मेवारी सौंपी है उसके खिलाफ पूर्व में जहां गबन के मामले दर्ज हैं वहीं मोरवा शाखा से ही 11 करोड़ रुपए की फर्जी बैंक गारंटी जारी करने वाले तत्कालीन शाखा प्रबंधक नागेंद्र सिंह के सगे भाई हैं, ऐसे में नागेंद्र सिंह के खिलाफ चल रही जांच पर भी कुचक्र रचा जाएगा। उन्होंने कहा हैं अगर नवागत सीईओ कमल मकाने द्वारा दान बहादुर सिंह को मोरवा शाखा से नहीं हटाया जाता है तो, इस मामले को कमिश्नर एवं ईओडब्ल्यू में घसीटेंगे।
इसके अलावा भी इनके खिलाफ कई मामले विभाग में चल रहे हैं, लेकिन यह सब जानने के बाद भी प्रभारी बैंक सीईओ रहें चंद्रशेखर पाण्डेय ने दान बहादुर सिंह को शाखा प्रबंधक बना दिया है। या है। खास बात यह कि जिस बैंक शाखा का प्रबंधक दान बहादुर सिंह को बनाया गया है उसी बैंक शाखा में इसके पूर्व पदस्थ रहें इनके छोटे भाई नागेन्द्र सिंह ने शराब ठेकेदारों से सांठगांठ कर करीब 11 करोड़ रुपए की फर्जी बैंक गारंटी जारी थीं जिसकी जांच भी चल रही हैऔर अब उसी शाखा में बड़े भाई दान बहादुर सिंह को प्रभारी सीईओ रहें चंद्रशेखर पाण्डेय ने शाखा प्रबंधक बना दिया, उक्त आदेश जारी होने के बाद जिला सहकारी बैंक फिर चर्चा में बना हुआ है।