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Sidhi24news;प्रधानमंत्री कालेज ऑफ एक्सीलेंस सीधी में मनाया गया हिन्दी दिवस

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Sidhi24news;प्रधानमंत्री कालेज ऑफ एक्सीलेंस सीधी में मनाया गया हिन्दी दिवस

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सीधी प्रधानमंत्री कालेज ऑफ एक्सीलेंस संजय गांधी स्मृति शासकीय स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय सीधी म. प्र. में भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ में त्रैमासिक कैलेंडर अनुसार 14 सितंबर शनिवार को हिन्दी दिवस मनाया गया। भारतीय ज्ञान परंपरा में हिन्दी विषय में भारतीय ज्ञान परंपरा के विविध संदर्भ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन, भारतीय ज्ञान परंपरा से संबंधित हिन्दी की पुस्तकों की प्रदर्शनी, भारतीय ज्ञान परंपरा में हिन्दी साहित्य की भूमिका विषय पर निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन, हिन्दी के प्रमुख स्थानीय लेखकों, कवि एवं उनके साहित्य से विद्यार्थियों को अवगत किया गया। उक्त प्रतियोगिता/कार्यक्रम माह सितम्बर के संयोजक प्रो. विनोद कुमार साकेत प्राध्यापक हिन्दी विभाग एवं उनकी समिति के सदस्यों के साथ डॉ. आर. एन. स्वर्णकार नोडल अधिकारी भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ के निर्देशन में आयोजित हुआ।

निबंध लेखन प्रतियोगिता

निबंध लेखन प्रतियोगिता में कुल 15 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। जिसमें प्रथम स्थान अनामिका सिंह एम. ए. हिन्दी तृतीय सेमेस्टर, द्वितीय स्थान श्रीमान साकेत बी. एस. सी. द्वितीय वर्ष जय प्रकाश सोनी बी. एस. सी. द्वितीय वर्ष, तृतीय स्थान – सत्य प्रकाश साकेत बी. एस. सी. द्वितीय वर्ष को प्राप्त हुआ। निबंध लेखन प्रतियोगिता का समय 40 मिनट रखा गया था।

मुख्य अतिथि डॉ लहरी सिंह ने हिंदी दिवस की महत्ता पर बल देते हुए कहा कि हिंदी भाषा का तेजी से विकास हो रहा है। केंद्र सरकार को संविधान में संशोधन लाकर इसे राष्ट्रभाषा घोषित कर देना चाहिए। डॉ शांति साकेत द्वारा अपने उद्बोधन में हिंदी भाषा की प्रशंसा करते हुए अध्ययन अध्यापन एवं दैनिक जीवन में हिन्दी भाषा के उपयोग करने का सुझाव दिया गया। अंग्रेजी के प्राध्यापक कवि एवं साहित्यकार ने कहा कि हिन्दी इसलिए मूल्यवान भाषा है क्योंकि इसमें लोक जीवन की बोलियों का अमृत रस शामिल है। हिन्दी भारतीय संस्कृति की संवाहक है। इसके विकास और वैश्विक प्रसार के लिए हम सब को मिलकर प्रयास करना चाहिए। प्रो गुलशेर ने बताया कि हिन्दी भाषा के विकास को वैचारिकी के साथ जोड़ कर अधिक उपयोगी बनाया जाना चाहिए। भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ के नोडल अधिकारी एवं आध्यात्मिक व्यक्तित्व के धनी प्रोफेसर रामनारायण स्वर्णकार ने बताया कि हिंदी हमारी मातृभाषा और राजभाषा है किंतु इसे राष्ट्रभाषा बनाने की जरूरत है क्योंकि इस भाषा में भारतीय ज्ञान परम्परा एवं संस्कृति के सपने साकार होते हैं। हिंदी भाषा भारत और उसकी संस्कृति की पहचान है। हिंदी दिवस के इस आयोजन का सफल संचालन करने वाले हिंदी विभाग के प्रोफेसर विनोद साकेत ने कहा कि हिंदी में हमारी आत्मा बसती है। इस आत्मा की रक्षा करके ही हम अपने समय और समाज की रक्षा कर पाएंगे। 

हिंदी दिवस के कार्यक्रम में सम्पन्न हुई प्रतियोगिता में प्रथम द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को नोडल अधिकारी ने अपनी ओर से पुरस्कार देकर सम्मानित किया और उनका मनोबल बढ़ाया।

महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ. प्रभाकर सिंह ने हिन्दी दिवस कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया। इस अवसर पर प्रो .विनोद कुमार साकेत संयोजक हिन्दी दिवस, डॉ. आर. एन. स्वर्णकार नोडल अधिकारी, भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ, हिन्दी दिवस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. लहरी सिंह, एवं डॉ. शांति साकेत, डॉ. अनिल सिंह, प्राध्यापक अंग्रेजी, डॉ. नागेन्द्र सिंह सहायक प्राध्यापक हिन्दी, डॉ. गुलशेर अहमद सहायक प्राध्यापक अर्थशास्त्र, डॉ. राकेश कुमार प्रजापति सहायक प्राध्यापक भूगोल, डॉ. निवेदिता लखेरा अतिथि विद्वान हिन्दी, डॉ. अर्चना सिंह अतिथि विद्वान अंग्रेजी, डॉ. शशिकला पटेल अतिथि विद्वान भूगोल, श्रीमती रीतू साहू अतिथि विद्वान अंग्रेजी, श्री अमित कुमार अतिथि विद्वान भूगोल, श्री प्रद्युम्न सोनी भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ सदस्य, श्री मनोज कुमार प्रजापति तृतीय श्रेणी कर्मचारी स्थापना एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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