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सिंगरौली में हुई सीबीआई की कार्यवाही में 5 गिरफ्तार,सीबीआई के DSP भी रिश्वतखोरी में फसे

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सिंगरौली में हुई सीबीआई की कार्यवाही में 5 गिरफ्तार,सीबीआई के DSP भी रिश्वतखोरी में फसे

 

सिंगरौली- सीबीआई ने सिंगरौली में नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) से जुड़े लोगों और अधिकारियों पर दो दिन चली छापामार कार्रवाई के बाद 5 लोगों की गिरफ्तारी की जानकारी दी है। इसमें रिश्वत लेने के आरोप में सीबीआई के ही एक डीएसपी को भी अरेस्ट किया गया है। सीबीआई ने पूरी कार्रवाई के दौरान 4 करोड़ रुपए नकद भी बरामद किए है।

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रविवार को दिनभर चली कार्रवाई के बाद सीबीआई की टीम ने सोमवार को भी एनसीएल के दो अधिकारियों सुनील प्रसाद सिंह और रवींद्र प्रसाद के घर पर भी दबिश दी। इस दौरान टीम ने जरूरी दस्तावेज खंगाले।

सीबीआई ने इन लोगों को गिरफ्तार किया

• एनसीएल के सीएमडी के निजी सचिव सूबेदार ओझा

• बसंत कुमार सिंह, मुख्य प्रबंधक (प्रशासन), एनसीएल

• मेसर्स संगम इंजीनियरिंग का मालिक रविशंकर सिंह

• रविशंकर सिंह सिंह के सहयोगी दिवेश सिंह

जबलपुर सीबीआई के डीएसपी जॉय जोसेफ दामले

सीबीआई ने इनके यहां से तलाशी के दौरान भारी मात्रा में नकदी, डिजिटल डिवाइस और कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए हैं।

गिरफ्तार आरोपियों पर क्या हैं आरोप

रविशंकर सिंहः सीबीआई के अनुसार सिंगरौली स्थित मेसर्स संगम इंजीनियरिंग के बिचौलिए और मालिक रविशंकर सिंह को भी गिरफ्तार किया है, जो कथित तौर पर विभिन्न ठेकेदारों, व्यापारियों और नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के कई अधिकारियों के बीच मध्यस्थ के रूप में काम कर रहा था। आरोप है कि वह नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के अधिकारियों को रिश्वत पहुंचाने और उन्हें सुविधा देने का काम कर रहा था।

दिवेश सिंह: सीबीआई ने रविशंकर सिंह के सहयोगी दिवेश सिंह को भी अरेस्ट किया है। दिवेश जबलपुर में सीबीआई के अफसर को 5 लाख रुपए की रिश्वत देने गया था। तभी उसे गिरफ्तार किया गया। रविशंकर सिंह और दिवेश सिंह, एनसीएल (नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड) के अधिकारियों और सीबीआई के डीएसपी के बीच बिचौलिए के रूप में काम कर रहे थे।

जॉय जोसेफ दामले: सीबीआई ने लंबित शिकायतों और जांच के मामलों में अनुकूल रिपोर्ट देने के मामले में जबलपुर सीबीआई, एसीबी ब्रांच के उप पुलिस अधीक्षक जॉय जोसेफ दामले को 5 लाख रुपए की रिश्वत लेने हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है।

बसंत कुमार सिंहः ये मुख्य प्रबंधक (प्रशासन), एनसीएल हैं। इन पर सीबीआई तक जांच के बदले पैसे पहुंचाने वाले आरोपियों की मदद करने आरोप है।

सूबेदार ओझाः एनसीएल के सीएमडी के निजी सचिव सूबेदार ओझा ने पहले सप्लायर रवि सिंह को मशीनरी सप्लाई के बदले में भुगतान करने के लिए सीएमडी के बीच मध्यस्थता की। इसके अलावा जब शिकायत सीबीआई तक पहुंची तो इन्होंने रविशंकर सिंह और बसंत कुमार सिंह के जरिए सीबीआई के पास पैसे पहुंचाने में मदद की।

सोमवार को इन अधिकारियों के घर दी दबिश, एक फरार

सोमवार सुबह 7 बजे सीबीआई की टीम ने एनसीएल के निदेशक तकनीक योजना एवं परियोजना सुनील प्रसाद सिंह और मुख्य सुरक्षा अधिकारी रवींद्र प्रसाद के आवास पर दबिश दी। बताया जा रहा है कि रवींद्र प्रसाद अपने घर से नदारद मिले। उनके फरार होने की जानकारी सामने आई है। इसके बाद स्थानीय पुलिस टीम को उनके घर पर तैनात कर दिया गया है। जिसे सख्त निर्देश दिए हैं कि कोई भी व्यक्ति बंगले पर प्रवेश नहीं करें।

दिल्ली से जांच के लिए आई सीबीआई की टीम

वहीं एनसीएल के निदेशक तकनीक योजना एवं परियोजना सुनील प्रसाद सिंह के घर सीबीआई की तीन सदस्यीय टीम ने पहुंचकर जांच की। सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि सीबीआई की जांच दिल्ली से पहुंची टीम कर रही है। जिसका संचालन एडिशनल एसपी मुकेश कुमार कर रहे हैं।

एनसीएल पीआरओ रामविजय सिंह से इस मामले पे पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है इसलिए इसकी पुष्टि नहीं कर सकते।

बता दे कि कोल इंडिया लिमिटेड देश की एक महारत्न कंपनी है। इसकी 8 सहायक कंपनियां हैं जिनमें एक है एनसीएल। यानी नॉर्दन कोलफील्ड लिमिटेड। अन्य सहायक कंपनियों की तरह कोयले के उत्पादन और कोयले से बने सामान के उत्पादन का काम करती है। कंपनी कोयले के खनन का काम खुद करती है। मिट्टी की खुदाई और ढुलाई का काम ठेके पर कराती है। इसके अलावा उत्पादन के लिए जरूरी सामान की ज्यादातर सप्लाय कोल इंडिया करता है और कुछ सामान सप्लायर से टेंडर प्रक्रिया के जरिए लिए जाते हैं।

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