स्मार्ट सिटी की बदहाल सड़क साइकल ट्रैक उजड़ा, डिवाइडर टूटे और फुटपाथ की कुर्सियां भी गायब
नहीं टिका अटल पथ… 40 करोड़ में बना था, 4 साल में जर्जर, गड्डे हुए; जीरा गिट्टी से फिसल रहे वाहन
भोपाल 1.6 किलोमीटर का अटल पथ अव्यवस्थाओं का शिकार हो गया है। करीब चार साल पहले 40 करोड़ रुपए की लागत से स्मार्ट सिटी की ओर से इसका निर्माण कराया गया था, लेकिन अभी हालात ये हैं कि इसका मेंटेनेंस ही नहीं कराया जा रहा है। ऐसे में सड़क पर बारीक गिट्टी (जीरा गिट्टी) बिखरी हुई है और इस पर से फिसलकर दोपहिया वाहन चालक घायल हो रहे हैं। यही नहीं, सड़क पर कई जगह गड्ढे हो गए हैं। साइकल ट्रैक का रंग उड़ गया है और डिवाइडर भी कई जगह टूटे पड़े हैं। फुटपाथ पर रखी गई कुर्सियां भी खराब हैं। सड़क किनारे लगाए गए डस्टबिन समय पर खाली नहीं होने से कचरा इधर-उधर फैल रहा है। सेंट्रल वर्ज में लगाए गए बॉटल पाम के पेड़ लगभग गायब हो चुके हैं। स्मार्ट सिटी के जिम्मेदारों का इस ओर ध्यान ही नहीं है।
ब्रेक लगाते ही फिसल जाते हैं वाहन
स्टंटबाजों का कब्जा… शाम से लेकर देर रात तक यहां दोपहिया वाहनों पर स्टंट करने वालों का कब्जा रहता है। कई बार इनकी गाड़ियां फिसलकर सड़क और साइकल ट्रैक के बीच बनाए गए डिवाइडर से टकराती हैं। ऐसे में डिवाइडर जगह-जगह से टूट गए हैं। स्मार्ट सिटी कंपनी इनका मेंटेनेंस भी नहीं कर रही है।
• अटल पथ का मौका मुआयना करेंगे। अगर वहां कोई भी अव्यवस्था है तो उसका सुधार करेंगे। कोशिश होगी कि किसी को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। रितेश शर्मा, प्रभारी कार्यपालन यंत्री, स्मार्ट सिटी
हबीबगंज डायवर्सन जुलाई अंत में हटेगा
लगभग साढ़े चार महीने से हबीबगंज नाके- आरआरएल तिराहे पर किए गए ट्रैफिक डायवर्सन जुलाई के आखिरी हफ्ते में हटाने की तैयारी है। मेट्रो कॉर्पोरेशन यहां बन रहे स्टील ब्रिज का काम अगस्त पहले हफ्ते तक पूरा करने का दावा कर रहा है। मार्च की शुरुआत में गर्डर लॉन्चिंग के काम को लेकर हबीबगंज नाके से आरआरएल तिराहे तक का रास्ता बंद कर ट्रैफिक डायवर्ट कर दिया गया था। ये ट्रैफिक डायवर्सन अब तक जारी है। इसकी मुख्य वजह हबीबगंज नाके पर बन रहा स्टील ब्रिज है, जो मेट्रो के गणेश मंदिर वाले हिस्से को डीआरएम ऑफिस वाले हिस्से से जोड़ेगा। हाल ही में मुख्यमंत्री के सामने हुए प्रेजेंटेशन में मेट्रो कॉर्पोरेशन के अधिकारियों ने स्वीकार किया था कि स्टील ब्रिज में बनने में देरी की वजह से 7 किमी का प्रायोरिटी कॉरिडोर नहीं बन पा रहा है। अब ब्रिज का बड़ा हिस्सा बन चुका है और ट्रैक के ऊपर वाला थोड़ा हिस्सा अभी बाकी है। हाल ही में रेलवे ने यहां ब्लॉक की स्वीकृति दी है। अभी गणेश मंदिर के सामने वाले हिस्से एक आखिरी गर्डर की लॉन्चिंग होनी है। इसके बाद ही स्टील ब्रिज इस हिस्से से कनेक्ट हो पाएगा।
सीवेज की बदबू… सड़क किनारे बिछाई गई सीवेज लाइन बारबार चोक होती है। ऐसे में यहां सीवेज बहने की स्थिति बनती है। प्लेटिनम प्लाजा के पास सड़क पर अभी भी सीवेज बह रहा है। आलम यह है कि इससे आने वाली बदबू के चलते लोगों का यहां से निकलना भी मुश्किल है।
करीब चार साल पहले जब यह सड़क बनकर तैयार हुई थी तो लोग इसे देखने आते थे। तब सड़क किनारे लगाए गए बॉटल पाम के पेड़ और सड़क किनारे लगाए गए आकर्षक फूलों के पेड़ लोगों को खूब लुभाते थे। सड़क भी साफ रहती थी। अब ना तो वह पेड़ और फूल बचे हैं और न सफाई। फुटपाथ और साइकल ट्रैक पर जगह-जगह गोबर नजर आता है। यही वजह है कि अब यहां लोग भी घूमने कम आते हैं।
रेलवे ब्लॉक की स्वीकृति मिली • हाल ही में रेलवे ब्लॉक की स्वीकृति मिल गई है। स्टील ब्रिज को अगस्त के पहले हफ्ते में पूरा करना है। हबीबगंज वाला डायवर्सन जुलाई के अंत तक हटाने की योजना है। – सिबी चक्रवर्ती, एमडी, एमपी मेट्रो कॉर्पोरेशन