Sidhi24news;जिले में महिलाओं का स्वास्थ्य प्रभावित,33 अस्पतालों में एक भी महिला चिकित्सक नहीं…
सीधी. सरकारी अस्पतालों में स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञों, शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञों के पूरे पद रिक्त है। जिला चिकित्सालय को छोड़ दिया जाए तो करीब छह लाख महिलाओं की आबादी के बावजूद एक भी महिला चिकित्सक कार्यरत नहीं है। ऐसे में महिलाओं को महिला रोग एवं प्रसव के लिए जिला चिकित्सालय लाना पड़ता है, तो बीमार छोटे शिशु एवं बालकों का भी की। जिला अस्पताल में इलाज कराने को परिजन विवश है। इससे कई बार महिलाओं को रास्ते में ही प्रसव पीड़ा हो जाती है और प्रसव तक हो जाते है। चिकित्सा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पूरे जिले में स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों की जिला अस्पताल को छोड़ ग्रामीण इलाकों के अस्पतालों में 6 पद स्वीकृत है, ये सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है, किंतु इन स्वास्थ्य केंद्रों में सरकार ने एक भी स्त्री रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों को पदस्थ नहीं किया गया है।
उल्लेखनीय है कि जिले में 06 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और 27 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र संचालित है। इन केंद्रों के लिए 50 चिकित्सकों के पद स्वीकृत किए गए हैं। जिनमें से स्त्री एवं प्रसूता रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों के छह पद स्वीकृत हैं, किंतु एक भी चिकित्सक की
जिले के ग्रामीण अस्पतालों की स्थिति
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र- 06 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र-27 चिकित्सकों के पद स्वीकृत-50 स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ पद स्वीकृत-06 स्त्री रोग विशेषज्ञ पद पर कार्यरत चिकित्सक-00 शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ स्वीकृत-02
शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ पर कार्यरत चिकित्सक-00
शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञों की भी है कमी
जिले में शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञों की भी कमी है। जिले में जिला चिकित्सालय के अलावा अन्य कुछ स्वास्थ्य केंद्र में ही बाल रोग विशेषज्ञ चिकित्सको के पद स्वीकृत किए गए हैं। बताया गया कि जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रामपुर नैकिन व कुसमी में ही एक-एक शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ चिकित्सक के पद सरकार ने स्वीकृत कर रखे
पदस्थापना न होने के कारण महिलाओं को उपचार के लिए जिला चिकित्सालय आना पड़ता है। जिला हैं, किंतु दुर्भाग्य इन केंद्रों में भी एक भी चिकित्सक कार्यरत नहीं हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रामपुर नैकिन में शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. संदीप भगत पदस्थ थे किंतु गत माह उनका भी स्थानांतरण सिंगरौली जिले के लिए कर दिया गया। जिससे वर्तमान में ग्रामीण अंचलों के केंद्रों में एक भी शिशु बाल रोग विशेषज्ञ कार्यरत नहीं हैं।
अस्पताल में भी प्रसव के लिए आने वाली महिलाओं पर कोई खास ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
इलाकों में समस्या
ज्यादा, महिला
चिकित्सक न होने से
हैं प्रसव
27 सीएससी व पीएससी में मात्र 06 पद स्वीकृत
चिकित्सा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में 07 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व 27 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र संचालित हैं। इनमें से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रामपुर नैकिन, चुरहट, सेमरिया, सिहावल, कुसमी, मझौली में एक-एक पद स्त्री एवं प्रसूता रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों के पद स्वीकृत है. शेष प्राथमिक व उप स्वास्थ्य केंद्रों पर सरकार ने स्त्री एवं प्रसूता रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों के पद स्वीकृत नहीं कर रखे हैं।
जगह चिकित्सकों की है कमी
सीधी जिले में ही नहीं प्रदेश के सभी जिलों में
चिकित्सकों के पद भारी संख्या में रिक्त हैं, जिसे वरिष्ठ अधिकारी भी जानते हैं, जिला चिकित्सालय के अलावा जिले के अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में एक भी स्त्री रोग विशेषज्ञ व शिशु रोग विशेषज्ञ चिकित्सक कार्यरत नहीं हैं।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, डॉ आई जे गुप्ता सीधी