कबीर साहेब प्रकट दिवस पर हो रहा विशाल महासमागम,हुए 151 दहेज मुक्त विवाह
संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में हुआ विशाल भंडारा, रक्तदान,देहदान व सैकड़ों दहेज मुक्त विवाह का आयोजन
सतलोक आश्रम बैतूल में विशाल भंडारे का दूसरा दिन, लाखों की तादाद में पहुंचे श्रद्धालुजन
सीधी-भारत में कबीर पंथ से कई समुदाय ताल्लुक रखते हैं लेकिन वे उन्हें केवल सतगुरु मानते हैं और उनकी जयंती मनाते हैं। वहीं दूसरी तरफ संत रामपाल जी महाराज भी कबीर पंथी हैं लेकिन एक नई जानकारी मिली कि संत रामपाल जी महाराज के अनुयाई कबीर जयंती नहीं बल्कि कबीर प्रकट दिवस मनाते है।
जानकारी के अनुसार यह कबीर साहेब जी का 627वां प्रकट दिवस है और इस उपलक्ष्य में संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में सतलोक आश्रम उड़दन बैतूल में तीन दिवसीय महा विशाल भंडारे का आयोजन किया गया है।
कई दिनों से आश्रम में महा समागम की जोरों शोरों से तैयारियां चल रहीं थीं और दिनांक 20 जून 2024 को शुरू हुए इस विशाल भंडारे का आज दूसरा दिन है जिसका समापन कल अर्थात् 22 जून को होगा। समागम में लगातार लाखों श्रद्धालुओं का आना जारी है और साथ ही संत गरीब दास जी महाराज द्वारा बोली गई वाणियों का संग्रह “अमर ग्रंथ साहिब” का अखंड पाठ संत रामपाल जी महाराज जी के मुखारविंद से पहले ही दिन प्रारंभ हो चुका है।
आपको बता दें इस विशाल भंडारे की सबसे खास बात यह है कि यहां पर जो भी भंडारा बनाया गया है वह शुद्ध देशी घी से निर्मित है, तेल का बिल्कुल भी प्रयोग नहीं किया गया है। पवित्र श्रीमद्भागवत गीता के अध्याय 3 श्लोक 10 से 15 में वर्णित है कि पूर्ण परमात्मा शास्त्र अनुसार किए गए धार्मिक अनुष्ठान में सदा ही प्रतिष्ठित होते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा कराए जा रहे भंडारे में परमात्मा विराजमान होते हैं क्योंकि संत रामपाल जी महाराज शास्त्र अनुकूल भक्ति विधि बताते हैं और इस पापनाशक भंडारा करने से श्रद्धालुओं को आत्मिक शांति मिलती है व उनके पाप कर्मों का नाश होता है।
यह भंडारे का दूसरा दिन है और अनुमान है कि लाखों की तादाद में श्रद्धालु भंडारा ग्रहण करने पहुंचे है। आने वाले श्रद्धालुओं को शुद्ध घी से निर्मित हलवा प्रसाद वितरित किया जा रहा है। बात पकवानों की करें तो उसमें पूड़ी राम,सब्जी राम, रोटी जिसे संत रामपाल जी के अनुयाई फुल्का राम कहते हैं, बीमार लोगों के लिए दलिया व मिष्ठान के रूप में लड्डू,जलेबी,बर्फी व विभिन्न प्रकार की मिठाईयां भी भंडारे में परोसी जा रही हैं।
चूंकि यह कबीर परमेश्वर जी का प्रकट दिवस है इसलिए कबीर साहेब जी के प्रकट होने की लीला व उनके द्वारा बाद में की गई लीलाओं पर आधारित आध्यात्मिक प्रदर्शनी भी लगाई गई है जिसे देखकर आने वाले श्रद्धालु बहुत ही आनंदित हो रहे हैं। इसके साथ-साथ संत रामपाल जी महाराज जी जिन शास्त्रों को आधार बताते हुए सत्संग प्रवचन करते हैं उन्हें भी प्रदर्शनी में शामिल किया गया है ताकि लोगों की शंकाओं का समाधान किया जा सके। संत रामपाल जी महाराज जी से नाम लेने के लिए निःशुल्क नामदीक्षा की भी व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही आने वाले श्रद्धालुओं के वाहनों की पार्किंग व्यवस्था भी की गई है जिससे आगंतुकों को भी असुविधा न हो साथ ही हाईवे पर ट्रैफिक जाम जैसी समस्या उत्पन्न न हो उसका भी पूरा पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
सतलोक आश्रम बैतूल के केयर टेकर विष्णु दास जी ने बताया कि कबीर परमेश्वर जी के 626 वर्ष पूर्व काशी में सशरीर प्रकट होने के उपलक्ष्य में हमारे सतगुरु देव जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में नेपाल सहित भारत के 11 सतलोक आश्रमों व दुनिया के अनेक देशों में 20, 21 व 22 जून को तीन दिवसीय “कबीर प्रकट दिवस” का महासमागम आयोजित किया गया है। जिसकी शुरुआत सतलोक आश्रम बैतूल में बीते 20 जून को हर्षोल्लास के साथ हो चुकी है। हर बार कई लाखो की संख्या में संगत इस महा समागम में आकर अपने पुण्यकर्म बनाती है, समागम में आने वाले सभी श्रद्धालुओं के लिए आश्रम में रहने से लेकर खाने-पीने तक की सभी सुविधाएं बिल्कुल मुफ्त की गई हैं। इस दौरान अमरग्रंथ साहिब का अखण्ड पाठ, विशाल भंडारा, आध्यात्मिक प्रदर्शनी, विशाल सत्संग समारोह सहित कई आयोजन किये जा रहे हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि समागम के दूसरे दिन कई कार्यक्रम संपन्न हुए…
151 जोड़ों की दहेज रहित शादियाँ हुईं सम्पन्न
कबीर प्रकट दिवस पर हो रहे समागम के दूसरे दिन समाज से दहेज नामक कुप्रथा को खत्म करने के लिए संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में सतलोक आश्रम बैतूल में कुल 151 जोड़ों की दहेज रहित शादियाँ संपन्न हुईं। इन विवाहों में किसी प्रकार की फिजूलखर्ची नहीं की गई, न ही दहेज का लेनदेन हुआ। बल्कि ये विवाह बहुत ही सभ्य व साधारण तरीके से गुरुवाणी द्वारा 33 करोड़ देवी-देवताओं की स्तुति करते हुए 17 मिनट में संपन्न हुए।
456 युनिट से अधिक लोगो ने किया रक्तदान
इस विशेष अवसर पर संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों द्वारा सामाजिक व परोपकारी कार्य रक्तदान को कैसे भूला जा सकता था। यहीं कारण था कि समागम के दूसरे दिन 21 जून को रक्तदान शिविर भी लगाया गया, जिसमें संत रामपाल जी के अनुयायियों द्वारा 456 यूनिट रक्तदान किया गया,8138 अनुयायियों द्वारा देहदान के संकल्प फार्म भरे गए। साथ ही संत रामपाल जी महाराज जी के ज्ञान को समझकर 2108 नई पुण्यात्माओं ने निःशुल्क नामदीक्षा लेकर अपने मानव जीवन को सफल बनाया।