Sidhi24news:सीधी के रामगढ़ निवासी माँ बेटों के रुप में हुई मैहर माता मंदिर के पीछे मिले शवो की पहचान…
मैहर/सीधी-मैहर में देवी मंदिर पहाड़ी के पीछे वाले जंगल में रविवार की रात मिले करीब पांच माह पुराने तीन क्षत- विक्षत शवों की पहचान सोमवार को पुलिस ने कर ली है। तीनों सीधी जिले के कोतवाली थाना इलाके के रामगढ़ के रहने वाले थे। जमीन पर जो शव मिला था वह 50 वर्षीय छोटकी साकेत का है। पेड़ पर फंदे से लटके मिले शव छोटकी के बेटे राजकुमार साकेत (26) व दीपक साकेत (23) के हैं। तीनों के शव कंकाल में तब्दील हो गए हैं। मृतकों के परिजनों ने कपड़ों व सामान के आधार पर तीनों की शिनाख्त की। हालांकि पहचान की पुष्टि के लिए पुलिस डीएनए टेस्ट कराएगी।
शुरूआती जांच में मैहर पुलिस को पता चला कि मां-बेटे पूजा-पाठ में लीन रहते थे। खुद ही घर में मूर्ति स्थापित किए थे और कई साल से पूजा पाठ कर रहे थे। महिला का पति कई साल से बीमार है। वह उसे घर पर छोड़कर ज्यादातर समय अपने बच्चों के साथ मैहर में पूजा पाठ में व्यतीत करती थी। तीनों साल में तीन-चार माह मैहर में रहते थे। कोई एक ठिकाना नहीं था। छोटकी के दो ही बेटे थे। एक बेटी है, जिसकी शादी हो चुकी है। मां व भाइयों के अकसर प्रवास में रहने के चलते बेटी मायके में रहकर पिता की देखभाल करती थी। फिलहाल पुलिस इसे सामूहिक आत्महत्या का मामला मान रही है। लेकिन, उसके सामने सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर मां-बेटों ने एक साथ क्यों फंदे पर झूलकर आत्महत्या की। पुलिस को आशंका है कि सिद्धि पाने के फेर या फिर तंत्र-मंत्र के चक्कर में खुद की बलि चढ़ाने का भी मामला हो सकता है। पुलिस सोमवार को तांत्रिक व ओझा की तलाश में जुटी रही। उसका मानना है कि तीनों किसी तांत्रिक या ओझा के प्रभाव में रहे होंगे।
हालांकि अभी तक कोई संदिग्ध नहीं मिला। मृतकों की मनोदशा संबंधी पहलू को समझने के लिए पुलिस मनोचिकित्सकों से भी राय लेगी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि घटना के पीछे तंत्र-मंत्र जैसी गतिविधि लग रही है। इसकी बारीकी से पड़ताल कर रहे हैं। मृतकों की पारिवारिक पृष्ठभूमि भी खंगाली जा रही है। मां-बेटे पांच माह से गायब थे, फिर भी उनकी गुमशुदगी दर्ज नहीं थी। उनके जीवन में बड़ी हलचल चल रही थी।
एसपी मैहर सुधीर अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया है कि मृतकों की शिनाख्त होने के बाद जांच तेजी से बढ़ रही है। प्रथम दृष्ट्या मामला आत्महत्या का लग रहा है। तंत्र मंत्र का चक्कर भी हो सकता है, लेकिन जब तक मृतकों का पोस्टमार्टम नहीं हो जाता, तब तक कुछ कह नहीं सकते। मामले की हर पहलू से जांच कर रहे हैं। मंगलवार को सतना मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों की टीम से मां-बेटों के शवों का पोस्टमार्टम कराया जाएगा।
19-20 जनवरी को बुआ दोनों बेटों के साथ निकली थी
सीधी से मृतका की बेटी प्रीति और भतीजा भोला साकेत शवों की शिनाख्त करने मैहर पहुंचे। भतीजे ने बताया कि उसकी बुआ छोटकी कभी अकेले तो कभी दोनों बेटों दीपक व राजकुमार के साथ मैहर दर्शन करने आती थी। मैहर में ही कभी 15 दिन तो कभी एक माह के लिए रुक जाया करती थी। अंतिम बार 19 या 20 जनवरी को बुआ अपने दोनों बेटों के साथ घर से निकली थी। पहले बुआ यहीं रुक जाती थी तो एक माह तक सब सामान्य लगा। किसी ने खोजखबर की जरूरत नहीं समझी। दो माह बीतने पर भी जब तीनों घर नहीं लौटे तो उनका पता लगाने दो बार परिजन मैहर आए थे, लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली थी। फूफा बीमार पड़े रहते हैं तो किसी ने गुमशुदगी तक दर्ज नहीं कराई। किसी ने कल्पना तक नहीं की थी कि इतना बड़ा कांड हो गया होगा।
पर्स में मिली रसीद से शुरू हुई शिनाख्त
शवों के पास छानबीन के दौरान दो मोबाइल व एक पर्स में सीधी के ज्वेलर का नाम व नंबर मिला। पुलिस ने फोन लगाया तो ज्वेलर ने बताया कि पर्स उसकी दुकान का है लेकिन मृतकों को नहीं जानता। तीन घंटे बाद एक फोन चालू हो गया, जिसमें परिजनों के नंबर मिले। पुलिस ने उन नंबरों पर कॉल किया तो पता चला कि छोटकी साकेत दो बेटों के साथ जनवरी से लापता है। पुलिस ने घटनास्थल पर मिले सामान व कपडों. की फोटो भेजी, तब साफ हो गया कि तीनों साकेत परिवार के मां-बेटे ही हैं। पुलिस ने दोनों मोबाइल से डेटा रिकवर करने के लिए सायबर सेल को काम पर लगाया है।
शवों के पास से पुलिस को क्या-क्या मिला
घटनास्थल पर रीवा की फॉरेंसिक टीम रविवार की रात 8 बजे पहुंची। पांच घंटे तक वहां पुलिस के साथ छानबीन की। पेड़ पर तीन डाल पर तीन फंदे बने हुए थे। दो फंदे चादर फाड़कर बनाए गए थे, जिनमें राजकुमार व दीपक के शव लटक रहे थे। गमझे से बना तीसरा फंदा खाली था। इस फंदे पर मां छोटकी लटकी होगी, जिसका शव डिकम्पोज होने के चलते जमीन पर गिर गया था। महिला का शव 15 फीट दूर मिला, जिसे जानवर घसीट कर ले गए थे। मौके से तीनों के कपड़े व सामान मिले। दो पर्स में 1500 रुपए नकद, एक मंगलसूत्र मिला। दोनों लड़कों के बंद मोबाइल पड़े हुए थे। शवों के पास से तीन छोटी सी मूर्ति मिली, जिसे हाथ से बनी बिनयान पहनाया गया था। फूल माला व चुनरी भी मिली। बेटी ने मूर्तियों को देखकर बताया कि इनकी पूजा करते मां को घर पर देखा था।
मंगलवार को मेडिकल कॉलेज में होगा पोस्टमार्टम
मैहर पुलिस ने सोमवार को तीनों शवों को सतना भेज दिया है। हालांकि कुछ औपचारिकताएं पूरी नहीं होने से किसी का पोस्टमार्टम नहीं हो पाया। पुलिस ने बताया कि मंगलवार को मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों की टीम से पोस्टमार्टम कराया जाएगा। तीनों शव जिला अस्पताल की मर्चुरी में रखे गए हैं।