दूधी घास के चमत्कारी गुण जान कर हो जायेगे हैरान, डायबिटीज मरीजों के लिए यह बना रामबाण….
दूधी घास यह एक विशेष प्रकार की औषधि है इसका प्रयोग कई विमारियो में किया जाता है और यह लाभकारी भी माना जाता है डायबिटीज के मरीजों के लिए नेचुरल चीजों का सेवन बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि, इनमें पायी जाने वाली एंटी-डायबिटिक प्रॉपर्टीज ब्लड शुगर लेवल को कम रखने में मदद करती हैं। इसीलिए, डायबिटीज के मरीजों को इस तरह की चीजों के सेवन की सलाह दी जाती है।मधुमेह के लक्षणों को कंट्रोल करने के लिहाज से दूधी घास का सेवन भी लाभकारी माना जाता है। दूधी घास का पाउडर डायबिटीज सहित कई अन्य बीमारियों से राहत दिलाने में कारगर माना जाता है। आइए जानें दूधी घास के सेवन के फायदों के बारे में साथ ही जानिए इसके सेवन का सही तरीका।
डायबिटीज के मरीजों के लिए क्यों है बेहतरीन दूधी घास
आयुर्वेदिक एक्सपर्ट्स द्वारा दूधी घास का सेवन डायबिटीज में फायदेमंद बताया जाता है। दूधी की घास को अंग्रेजी में अस्थमा प्लांट कहा जाता है। इस घास को तोड़ने के बाद इस पौधे से दूध जैसा पदार्थ बहता है इसीलिए इस घास को दूधी घास कहा जाता है। आयुर्वेद में इस घास को दुग्धिका और शीता जैसे नाम से भी पहचाना जाता है। वहीं, बॉटनी में इसे यूफॉर्बिया थाइमीफोलिया कहा जाता है।
दूधी की घास की चाय पीने या इसके पाउडर का सेवन करने से शरीर में रक्त का संचार बेहतर तरीके से होता है। इससे, पैरों में दर्द, थकान और कमजोरी जैसी समस्याओं से डायबिटीज रोगियों को काफी मदद हो सकती है। इसीलिए, डायबिटीज में ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिएदूधी घास को एक उपयोगी हर्ब बताया जाता है।
दूधी घास के सेवन के फायदे
आमतौर पर दूधी की हरी घास के अलावा इसके पाउडर का सेवन किया जाता है। इसके लिए दूधी की घास की पत्तियों को सुखा लिया जाता है और उसे पीसकर पाउडर बना लिया जाता है। इस घास के पाउडर के सेवन से इस तरह के फायदे मिल सकते हैं-
लिवर को बनाती है हेल्दी
लिवर में संक्रमण और अन्य लिवर डिजिजेज के लक्षणों से आराम पाने के लिए दूधी घास के पाउडर का सेवन करने से लाभ होता है।
पेट के कीड़े मारती है
छोटे बच्चों के पेट में कीड़े पड़ जाते हैं जिसकी वजह से बच्चों को पेट में दर्द, भूख में कमी और कमजोरी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। पेट के कीड़े खत्म करने के लिए दूधी की घास की पत्तियों का सेवन करने से लाभ होता है।
अस्थमा से राहत
दमा या अस्थमा के मरीजों को भी दूधी घास का सेवन करने से बहुत-से फायदे हो सकते हैं। दूधी घास का काढ़ा पीने से अस्थमा के लक्षणों से आराम मिलता है। खांसी-जुकाम की समस्या से राहत पाने के लिए भी दूधी घास का सेवन किया जा सकता है।
सावधानी: हमारे लेखों में साझा की गई जानकारी केवल इंफॉर्मेशनल उद्देश्यों से शेयर की जा रही है इन्हें डॉक्टर की सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। किसी भी बीमारी या विशिष्ट हेल्थ कंडीशन के लिए स्पेशलिस्ट से परामर्श लेना अनिवार्य होना चाहिए। डॉक्टर/एक्सपर्ट की सलाह के आधार पर ही इलाज की प्रक्रिया शुरु की जानी चाहिए।