Sidhi:मशीनों से हो रहा मनरेगा का काम,आला अधिकारियों के संरक्षण में हो रही मनमानी
सीधी- जिले के गांव में धड़ले से मनरेगा की मजदूरी मशीनों द्वारा कराई जा रही है जबकि जरूरतमंदों को बाहर की ओर पलायन करना पड़ रहा है हैरत की बात तो यह है कि आलाधिकारी भी इस मिली भगत में शामिल है और उनके द्वारा ग्रामीण एवं आमजन को विरोध करने पर डराया धमकाया जाता है और खुलेआम मशीनों से काम कराया जाता है ऐसा ही एक मामला जनपद पंचायत रामपुर नैकिन की कुशमहर पंचायत से उभर कर सामने आया है जहां मशीन से हो रहे काम का विरोध करने पर एक समाजसेवी को झूठे केस में फंसा दिया गया है।
शिकायतकर्ताओं द्वारा बताया गया कि ग्राम पंचायत कुशमहर में बम्हनी मुख्य मार्ग से पहाड़ी पहुंच मार्ग मनरेगा से स्वीकृत है लेकिन यह काम जेसीबी मशीन से कराया जा रहा था ज्ञात होगा कि कुशमहर ग्राम आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है लेकिन यहां के मजदूरो काम ना मिलने के कारण बाहर के अन्य प्रदेशों में पलायन करने को मजबूर है और मनरेगा से स्वीकृत कार्य को मजदूरों से ना कर कर जेसीबी के माध्यम से कराया जा रहा है जिसकी जानकारी जब ग्रामीण एवं समाजसेवी देवेंद्र मिश्रा कुशमहर को हुई तो उनके द्वारा मौके पर पहुंचकर जेसीबी बंद करने को बोला गया और एसडीओ इंजीनियर से जब इस बारे में बात की गई तो उनके द्वारा समाजसेवी को धमकाते हुए कहा गया कि हमारे बड़े साहब के रिश्तेदार रामपुर नैकिन में थानेदार हैं हम तुम्हारे ऊपर एफआईआर करवा देंगे काम को मत रोको लेकिन बावजूद इसके जब काम को मजदूरों से करने के लिए कहकर रोक दिया गया तो उसके बाद देवेंद्र मिश्रा और राजीव पांडे के ऊपर झूठा मुकदमा दर्ज करवाया गया और एक बार फिर से जेसीबी की मदद से कार्य को कराया जा रहा है।
आल्हा अधिकारियों के द्वारा नियमों की इस तरह की अनदेखी और पहुंच की धौंस देना बेहद निंदनीय है सभी को पता है कि जिले में अधिकांश जगहों पर मनरेगा के कार्यों को मजदूर की जगह मशीनों से कराया जाता है और मजदूरों के नाम पर मजदूरी का भुगतान कर उसे आपस में बांट लिया जाता है यह खेल लंबे समय से चल रहा है लेकिन कार्यवाही न होने के कारण लोगों के हौसले बुलंद है और मजदूरों के हक पर डाका डाला जा रहा है यदि कोई इसका विरोध करता है तो सरकारी काम में बाधा डालने का आरोप लगाकर उसे केस में फंसा दिया जाता है।