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सरई मे चल रहे रामकथा का हुआ भव्य समापन,राम रावण युद्ध ,श्री राम राज्याभिषेक चरित्र का हुआ सुंदर वर्णन

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सरई मे चल रहे रामकथा का हुआ भव्य समापन,राम रावण युद्ध ,श्री राम राज्याभिषेक चरित्र का हुआ सुंदर वर्णन

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सरई। (बिहारी लाल गुप्ता) जिले सरई के राधा कृष्ण मंदिर बनियान तालाब में 10 मई से चल रहे श्री राम कथा भागवत व श्री हनुमान मारूति यज्ञ का कल शनिवार को भव्य समापन हुआ, कथा के नौवें व अंतिम दिवस अंतरराष्ट्रीय कथा वाचिका ममता पाठक जी ने आगें की प्रसंग मे लंका काण्ड का मार्मिक वर्णन करने हुए कहा कि शान्ति के सारे प्रयास असफल हो जाने पर युद्ध आरम्भ हो गया। लक्ष्मण और मेघनाद के मध्य घोर युद्ध हुआ। शक्तिबाण के वार से लक्ष्मण मूच्र्छित हो गये। उनके उपचार के लिये हनुमान सुषेण वैद्य को ले आये और संजीवनी लाने के लिये चले गये। गुप्तचर से समाचार मिलने पर रावण ने हनुमान के कार्य में बाधा के लिये कालनेमि को भेजा जिसका हनुमान ने वध कर दिया। औषधि की पहचान न होने के कारण हनुमान पूरे पर्वत को ही उठा कर वापस चले। मार्ग में हनुमान को राक्षस होने के सन्देह में भरत ने बाण मार कर मूच्र्छित कर दिया परन्तु सच जानने पर अपने बाण पर बिठा कर वापस लंका भेज दिया। इधर, औषधि आने में विलम्ब देख कर राम प्रलाप करने लगे। सही समय पर हनुमान औषधि लेकर आ गये और सुषेण के उपचार से लक्ष्मण स्वस्थ हो गये। रावण ने युद्ध के लिये कुम्भकर्ण को जगाया। युद्ध में कुम्भकर्ण ने राम के हाथों परमगति प्राप्त की। लक्ष्मण ने मेघनाद से युद्ध करके उसका वध कर दिया। राम और रावण के मध्य अनेकों घोर युद्ध हुये और अन्त में रावण राम के हाथों मारा गया। विभीषण को लंका का राज्य सौंप कर राम, सीता और लक्ष्मण के साथ पुष्पक विमान से अयोध्या के लिये प्रस्थान किया। सीता, लक्ष्मण और समस्त वानरसेना के साथ राम अयोध्या वापस पहुँचे। राम का भव्य स्वागत हुआ। भरत के साथ सर्वजनों में आनन्द व्याप्त हो गया। वेदों और शिव की स्तुति के साथ राम का राज्याभिषेक हुआ। चारों भाइयों के दो-दो पुत्र हुये। रामराज्य एक आदर्श बन गया। कथा के अंतिम दिन श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा,साथ ही श्री राम सीताराम का भजन कीर्तन करते हुए आरती के साथ प्रसंग समाप्त किया गया। इसके साथ ही कथा वाचिका ममता पाठक जी ने कई अन्य विषयों प्रवचन करते हुए विविध प्रसंगों को सुनाया,आगे उन्होंने कहा कि आप सब इसी प्रकार के सत्कर्म करते रहे, रामबालक द्विवेदी जी को भगवान ने एक माध्यम बनाया जिनके माध्यम से यह कथा यहां पर हुई आप सभी भगवत भक्त संयोग से होती है। आरती कर प्रसाद वितरण कर नौ दिवसीय श्रीरामकथा का समापन हुआ। कथा यज्ञकर्ता बाबा भोलादास महाराज विप्र मित्र मंडली हैं। श्री रामकथा के आयोजन कर्ता व मुख्य श्रोता पूर्व संरपच रामबालक द्विवेदी,केमली देवी जी हैं। वही रविवार को भंडारे का आयोजन किया गया है। जहां ज्यादा से ज्यादा संख्या में भंडारे में शामिल होने अपील की गई है।

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