कूटरचित कर नौकरी कर रहे व्यक्ति की याचिका हाईकोर्ट ने की खारिज
मामले में अपराध दर्ज एवं राशि वसूली हो
सीधी:- रिकॉर्ड में कूटरचित कर उम्र घटाकर नौकरी करने वाले एक व्यक्ति की याचिका उच्च न्यायालय ने खारिज कर दी है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक मंगल काछी पिता लक्ष्मण काछी निवासी ग्राम टिकरी तहसील मझौली के द्वारा लोक निर्माण विभाग सबडिवीजन मझौली में कुशल श्रमिक के रूप में कार्य कर रहा था। जिसकी जन्मतिथि 1 जून 1953 थी। जिसमें काटछांट कर 1 जून 1963 कर दिया गया। ऐसे में उक्त व्यक्ति के द्वारा निर्धारित उम्र से 10 वर्ष ज्यादा कूटरचित के आधार पर नौकरी कर वेतन हासिल करता रहा है। जिसके संबंध में रामनरेश कुशवाहा निवासी छुही तहसील मझौली के द्वारा सूचना के अधिकार के तहत रिकॉर्ड हासिल कर शिकायत किया था और जांच में इस बात की पुष्टि की गई की मंगल काछी की वास्तविक उम्र 1 जून 1953 है, जिसे कूटरचना के आधार पर 1 जून 1963 किया गया है ऐसे में विभाग द्वारा उस शिकायत के आधार पर सेवानिवृत्ति कर दिया गया था। विभाग के आदेश को चुनौती देते हुए मंगल काछी ने उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका दायर की थी, जिसमें न्यायालय द्वारा 6 मार्च 2024 को अपना फैसला सुनाया है। जिसमें याचिका कर्ता की अपील निरस्त करते हुए कहा गया है कि जन्मतिथि स्पष्ट रूप से 1 जून 1953 है उक्त प्रविष्टि में कोई ओवरराइटिंग या कटिंग नहीं की गई है। इसलिए इसमें कोई संदेह नहीं है कि इसकी जन्म तिथि 1 जून 1963 है और जब कसौटी पर परीक्षण किया जाता है तो याचिका कर्ता को 2023 में सेवानिवृत्ति करने का आदेश विभाग द्वारा जारी किया जाता है। जब याचिका कर्ता 69 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुका होता है इसमें दोष नहीं दिया जा सकता है। याचिका विफल हो जाती है और इसे खारिज किया जाता है।
वहीं मामले में शिकायतकर्ता रामनरेश कुशवाहा का कहना है जब जांच प्रतिवेदन में इस बात की पुष्टि हो जाती है कि रिकॉर्ड में छेड़छाड़ कर निश्चित उम्र से 10 वर्ष ज्यादा तक मंगल काछी के द्वारा नौकरी की गई है और वेतन उठाया गया है ऐसे में उसका कृत्य अपराधिक मानकर अपराध कायम होना चाहिए और 10 वर्षों तक आहरित की गई वेतन वसूली होना चाहिए।