MP High Court: अनुकंपा नियुक्ति प्रकरण में जवाब पेश न करने पर हाई कोर्ट ने प्रमुख सचिव को वेतन खाते से जुर्माना चुकाने दिए निर्देश
जबलपुर। हाई कोर्ट ने अनुकंपा नियुक्ति से जुड़े एक मामले में स्पष्ट आदेश के बावजूद जवाब पेश नहीं करने पर कड़ी नाराजगी जताई। न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने ट्रायबल वेलफेयर विभाग के प्रमुख सचिव पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया। कोर्ट ने निर्देश दिए कि प्रमुख सचिव स्वयं अपने वेतन खाते से यह जुर्माने की राशि मध्य प्रदेश हाई कोर्ट विधिक सेवा समिति के खाते में जमा कराएंगे। इस निर्देश के साथ हाई कोर्ट ने उक्त अधिकारी को जवाब पेश करने 10 दिन का समय दे दिया है।
याचिकाकर्ता शहडोल निवासी भगवानदास शर्मा की ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता की मां गनेशिया बाई को भृत्य के नियमित पद पर अनुकंपा नियुक्ति दी गई थी। बाद में विभाग ने 2014 की अनंकपा नियुक्ति नीति के तहत गनेशिया बाई को कार्यभारित कर्मचारी माना।
कोर्ट ने एक अप्रैल, 2024 को प्रमुख सचिव को शपथपत्र पर यह बताने कहा था कि किस आधार पर याचिकाकर्ता की मां को कार्यभारित कर्मचारी माना। मामले की सुनवाई के दौरान राज्य शासन की ओर से पुन: मोहलत मांगी गई, जिस पर हाई कोर्ट ने नाराजगी जताई। साथ ही जुर्माना लगा दिया।