देश में CAA लागू, CM ने बताया -एक और ऐतिहासिक निर्णय
दिल्ली- लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने सोमवार शाम से देश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) की अधिसूचना जारी कर दी है। इसको मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ऐतिहासिक निर्णय बताया है। वहीं, पूर्व सीएम शिवराज ने मोदी की गारंटी यानी पूरा होने की गारंटी बताया है। इस कानून के लागू होने से देश के तीनों पड़ोसी देशों पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्कों हिंदू, जैन, बुद्धिस्ट, क्रिश्चन, सिख, पारसी को देश की नागरिता मिल जाएगी। इसकी अधिसूचना जारी होने के बाद देश भर में शरणार्थियों में जश्न का माहौल है। इधर, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसका विरोध किया है। उन्होंने कहा कि नागरिकों को उनके कानूनों से वंचित किया जाता है, तो विरोध करते हैं।पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि पहले मुझे नियमों को देखने दीजिए। इसमें लोगों को नियमों के तहत उनके अधिकारों से वंचित किया जाता है, तो हम इसके खिलाफ लड़ेंगे। यह चुनाव के लिए बीजेपी का प्रचार है, यह और कुछ नहीं है।
गृह मंत्री अमित शाह ने एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा था कि सरकार की योजना है कि वह सीएए को लोकसभा से पहले लागू कर देगी। इस देश के कानून को कोई भी रोक नहीं सकता है। सीएए कानून संसद में 11 दिसंबर 2019 को पास हो गया था, लेकिन उसके बाद देश भर में हुए भारी विरोध प्रदर्शन के बाद केंद्र सरकार इस कानून को लागू करने की समय सीमा 8 बार बढ़ा चुकी है।
मानवता के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण कदम
इस पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोशल मीडिया पर लिखा कि एक और ऐतिहासिक निर्णय। उन्होंने आगे लिखा कि मानवता के कल्याण के लिए समर्पित आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) लागू कर दिया गया है। इससे हमारे पड़ोसी देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में अत्याचार की पीड़ा से उन अल्पसंख्यक नागरिकों को हमेशा के लिए मुक्त होने का रास्ता मिल सकेगा, जिन्होंने 31 दिसंबर 2014 तक भारत में शरण ली थी। उन्होंने इस निर्णय के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त किया।
मोदी की गारंटी यानी पूरा होने की गारंटी
पूर्व सीम शिवराज सिंह चौहान ने लिखा कि मोदी की गारंटी यानी हर गारंटी के पूरा होने की गारंटी है। वहीं, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का देशवासियों की तरफ से आभार जताया।
यहां पढ़ें क्या होंगे CAA के नियम?
सीएए नियमों के तहत ऑनलाइन पोर्टल के जरिए आवेदन मांगे जाएंगे। इस प्रक्रिया का काम पूरा हो चुका है। नागरिकता संशोधन अधिनियम के नियमों के तहत भारत के तीन मुस्लिम पड़ोसी देश, जिनमें पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान शामिल हैं, से आए गैर मुस्लिम प्रवासी लोगों के लिए भारत की नागरिकता लेने के नियम आसान हो जाएंगे। इन छह समुदायों में हिंदू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी, शामिल हैं। नागरिकता संशोधन विधेयक 11 दिसंबर, 2019 को संसद द्वारा पारित किया गया था। एक दिन बाद ही इस विधेयक को राष्ट्रपति की सहमति मिल गई थी। सीएए के जरिए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदायों से संबंधित अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता लेने में आसानी होगी।
सीएए, किसी व्यक्ति को खुद नागरिकता नहीं देता है। इसके जरिए पात्र व्यक्ति, आवेदन करने के योग्य बनता है। यह कानून उन लोगों पर लागू होगा, जो 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भारत आए थे। इसमें प्रवासियों को वह अवधि साबित करनी होगी कि वे इतने समय में भारत में रह चुके हैं। उन्हें यह भी साबित करना होगा कि वे अपने देशों से धार्मिक उत्पीड़न की वजह से भारत आए हैं। वे लोग उन भाषाओं को बोलते हैं, जो संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल हैं। उन्हें नागरिक कानून 1955 की तीसरी सूची की अनिवार्यताओं को भी पूरा करना होगा। इसके बाद ही प्रवासी आवेदन के पात्र होंगे।