सीएम हेल्पलाइन में दर्ज शिकायतों पर कलेक्टर साकेत मालवीय की कड़ी नजर….
सीधी कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित साप्ताहिक समीक्षा बैठक में कलेक्टर साकेत मालवीय द्वारा सीएम हेल्पलाइन में दर्ज शिकायतों के निराकरण की समीक्षा की गई। कलेक्टर ने गत माह की शिकायतों में लापरवाही पर संबंधित एल1 एवं एल2 अधिकारियों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने कहा कि नागरिकों की समस्याओं का समय-सीमा में गुणवत्तापूर्ण निराकरण शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है, इसके क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की लापरवाही स्वीकार नहीं की जावेगी। सभी विभाग प्रमुख अपने विभाग से संबंधित शिकायतों की नियमित समीक्षा करें तथा शिकायतों की संख्या के आधार पर प्रतिदिन शिकायतों के निराकरण का लक्ष्य निर्धारित करते हुए उनका गुणवत्तापूर्ण निराकरण सुनिश्चित करायें। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि कोई भी शिकायत अन-अटेंडेड नहीं रहे तथा निम्न गुणवत्ता से बंद शिकायतों की संख्या न्यूनतम हो। कलेक्टर ने 50 दिवस से अधिक समय से लंबित शिकायतों को अभियान चलाकर प्राथमिकता पर निराकृत करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही कलेक्टर ने लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत चिन्हित सेवाओं को निर्धारित समय-सीमा में प्रदाय करने के लिए निर्देशित किया है।
ग्रीष्म ऋतु में पेयजल की व्यवस्था सुदृढ रखने के निर्देश
कलेक्टर ने कहा कि ग्रीष्म ऋतु को दृष्टिगत रखते हुए सभी बसाहटों में पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कार्य योजना बनाएं। सभी बसाहटों में पेयजल के लिए उपलब्ध स्रोतों की जानकारी एकत्रित करें, खराब हैण्डपम्पों के संबंध में जानकारी रखें तथा उन्हें दुरुस्त करने की कार्यवाही की जाए। सभी ग्रामपंचायतों में हैण्डपम्प के खराब होने के संबंध में शिकायत दर्ज करने की व्यवस्था रखें। तथा विभागीय अधिकारियों की जानकारी भी प्रदर्शित करें।
कलेक्टर ने राजस्व महाअभियान की समीक्षा करते हुए कहा कि संबंधित एसडीएम राजस्व महाअभियान की पटवारी हल्कावार नियमित समीक्षा करें। अब तक जितने प्रकरण निराकृत हुए हैं उन सभी को आरसीएमएस पोर्टल में अनिवार्य रूप से दर्ज करें। अभियान के दौरान 6 माह से एक साल की अवधि के सभी राजस्व प्रकरण अनिवार्य रूप से निराकृत करें। अविवादित बंटवारा तथा अविवादित नामांतरण के सभी प्रकरण निराकृत करें। दर्ज प्रकरणों की तुलना में अधिक निराकरण करने पर ही प्रगति दिखाई देगी। कलेक्टर ने राजस्व निरीक्षकों को लक्ष्यानुसार सीमांकन करने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने किसानों की समग्र आईडी और आधार से ई-केवायसी सुनिश्चित करने के लिए किसानों का जागरूक करने तथा इसकी उपयोगिता के बारे में बताने के निर्देश दिए हैं। अभियान के दौरान किसी भी तरह की लापरवाही बरतने पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
मिलावटी खाद्य पदार्थों की जांच के निर्देश
कलेक्टर द्वारा खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के क्रियान्वयन के संबंध में विस्तृत समीक्षा की गई। उन्होंने निर्देश दिए कि खाद्य पदार्थों के निरंतर रूप से नमूने लिए जाएं तथा उनकी जाँच कराएं और मिलावट करने वालों के विरूद्ध कड़ी से कड़ी कार्यवाही करें। कलेक्टर ने कहा कि यह अति महत्वपूर्ण अभियान है। जो आमजनों के स्वास्थ्य से भी जुड़ा है। दूध तथा दूध से बने विभिन्न पदार्थों की गुणवत्ता की निगरानी के साथ-साथ खाद्य पदार्थों में मिलावट रोकने की कार्यवाही की जाए। कलेक्टर ने निर्देशित किया है कि खाद्य सुरक्षा अधिकारी प्रतिदिवस निर्धारित संख्या में लीगल एवं सर्विलांस नमूने लेकर जाँच कराएं और मिलावट करने वालों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही कराएं। इसके साथ ही कलेक्टर ने खुले में मांस मछली के विक्रय पर कड़ाई से रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने कहा कि इस संबंध में राज्य शासन द्वारा जारी निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराएं। ध्वनि विस्तारक यंत्रों तथा विस्फोटकों जे सम्बद्ध में भी जारी किए निर्देशों का पालन सुनिश्चित करें। सभी संबंधित अधिकारी सतत रूप से अपने क्षेत्र की निगरानी रखेंगे तथा नियमित जांच कर नियमों का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करेंगे।
कलेक्टर ने प्रधानमंत्री जनमन अभियान के माध्यम से बैगा आदिवासियों को विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित करने के संबंध में जानकारी प्राप्त की तथा चिन्हित योजनाओं में शत प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने के लिए निर्देशित किया है। कलेक्टर ने कहा कि सभी बैगा आदिवासियों के जाति प्रमाण -पत्र, आधार कार्ड, आयुष्मान कार्य और पात्रता पर्ची प्राथमिकता पर बनवाएं। साथ ही उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना आदि जनकल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित किया जाए। कोई भी पात्र हितग्राही हितलाभ से वंचित नहीं रहे।
कलेक्टर ने अनुकंपा नियुक्ति तथा पेंशन प्रकरणों में संवेदनशीलता के साथ समय -सीमा में कार्यवाही के लिए निर्देशित किया है। न्यायालयों में लंबित मामलों में जवाब दावे निर्धारित समय-सीमा में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।