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1 फरवरी को मोदी सरकार का आखिरी बजट, होम लोन का भार कम कर सकती है सरकार

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1 फरवरी को मोदी सरकार का आखिरी बजट, होम लोन का भार कम कर सकती है सरकार

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भोपाल- चुनावी साल में मोदी सरकार के अंतरिम बजट को लेकर रियल एस्टेट सेक्टर भी उम्मीद लगाए बैठा है. केन्द्रीय वित्त मंत्री सीतारमण संसद में 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश करेंगी. आगामी लोकसभा चुनाव के चलते सरकार अंतरिम बजट लेकर आ रही है. मोदी सरकार के इस आखिरी अंतरिम बजट में लोक लुभावन ऐलान की उम्मीद लगाई जा रही है. माना जा रहा है कि इस बजट में सरकार आम लोगों को अपना घर का सपना साकार करने के लिए रियल एस्टेट सेक्टर के लिए कई सौगातें दे सकता है.

खरीदारों को मिले टैक्स में राहत

रियल एस्टेट सेक्टर के जानकारों की मानें तो केन्द्र सरकार को घर खरीदने वालों के लिए टैक्स में राहत देनी चाहिए. पिछले कुछ समय में महंगाई में बढ़ोत्तरी हुई है. होम लोन पर ब्याज दर भी बढ़ गई है. ऐसे में आम लोगों के लिए मकान खरीदना आसान नहीं रहा. उम्मीद है कि आगामी बजट में सरकार इस और खास ध्यान देगी. मौजूदा समय में सेक्शन 24 के तहत होम लोन के ब्याज पर एक वित्तीय वर्ष में आयकर में अधिकतम 2 लाख रुपए तक का प्रावधान है. सरकार को इसे बढ़ाकर 5 लाख करना चाहिए

सब्सिडी का बढ़ाया जाए दायरा

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत किफायती घर खरीदने पर मिलने वाली सब्सिडी को दिसंबर 2025 तक बढ़ाए जाने की मांग हो रही है. माना जा रहा है कि सरकार बजट में इसका प्रावधान कर सकती है. इसके तहत 2.7 लाख रुपए तक ब्याज पर सब्सिडी का प्रावधान है. यदि इसे बढ़ाया गया तो लोगों पर होम लोन की ईएमआई का भार कम होगा. लोगों के लिए घर खरीदना आसान होगा.

रजिस्ट्रेशन एक्ट को लेकर निर्णय ले सरकार

कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के मध्य प्रदेश के प्रवक्ता मनोज सिंह मीक कहते हैं कि ‘रियल एस्टेट सेक्टर में 2017 में रेरा आया था. इसके बाद इस सेक्टर में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है. रजिस्ट्रेशन एक्ट लंबे समय से केन्द्र सरकार के पास लंबित है. जब तक इसकी गाइडलाइन लागू नहीं होती, तब तक रियल एस्टेट को जीएसटी में शामिल नहीं किया जा सकेगा. जीएसटी में शामिल करने के बाद दो तरह के टैक्स नहीं देना होगा. जहां तक उपभोक्ताओं को किफायती मकान की बात है तो किफायती मकान बनाना निजी डेवलपर्स के लिए आसान नहीं रहा. महंगाई और टैक्स की वजह से कीमत कम रखना मुश्किल हो गया है. किफायती मकान का सपना अवैध कॉलोनियों तक ही सिमट कर रह गया है. सरकार को इस ओर ध्यान देना होगा.

कॉमर्शियल रियल एस्टेट को बढ़ावा दे सरकार

रियल एस्टेट सेक्टर से जुड़े लोगों के मुताबिक डेवलपर्स के लिए जरूरी अनुमतियांं में काफी समय खर्च होता है. इसके लिए सरकार को सिंगल विंडो सिस्टम को डेवलप करना चाहिए. उम्मीद है सरकार इस ओर ध्यान देगी. यह रियल एस्टेट सेक्टर के लिए काफी मददगार साबित होगा.

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