टाइगर रिजर्व में नहीं रुक रहा बाघों की मौत का सिलसिला, जनवरी में तीसरे बाघ की मौत
उमरिया- बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। दो दिन पहले एक और बाघिन की मौत यहां होने की जानकारी सामने आई है। हालांकि यह जानकारी वन विभाग ने छिपा कर रखी हुई थी, लेकिन धीरे-धीरे चर्चा जग जाहिर हो गई। इस बारे में मिली जानकारी के मुताबिक बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व मानपुर रेंज के बफर का मामला है। मानपुर बफर रेंज के पटपरिया हार पीएफ 313 में एक बाघिन का शव पाया गया है। वन विभाग का कहना है कि बाघिन की मौत आपसी लड़ाई में हुई है।
सूत्रों की माने तो बाघिन का शव मानपुर रेंज के पटपरिया गांव में स्कूल के पीछे जंगल में पाया गया है। यानी गांव से लगे हुए जंगल में दो बाघ मौजूद थे जो ग्रामीणों के लिए भी खतरा बन सकते थे। इतना ही नहीं इन दोनों के बीच जमकर लड़ाई हुई जिसमें एक की मौत हो गई। खास बात यह है कि जब यहां बाघिन अंतिम सांस ले रही थी, इस दौरान मानपुर रेंज में अनुभूति कार्यक्रम के तहत स्कूल के बच्चों को जंगल की सैर कराई जा रही थी और उन्हें जंगली जानवरों की सुरक्षा का पाठ पढ़ाया जा रहा था।
जनवरी 2024 में तीन बाघों की हो चुकी मौत
जनवरी में बाघ की मौत की है तीसरी घटना है। इससे पहले 10 जनवरी को पतोर रेंज चिल्हारी बीट के आर 421 के कुशहा नाल में 15 -16 महीना के बाघ शावक का एक माह पुराना कंकाल पाया गया था। इसके छह दिन बाद 16 जनवरी को धमोखर परिक्षेत्र के ग्राम बरबसपुर से करीब एक किमी दूर नर बाघ शावक जिसकी उम्र 12 से 15 माह थी का शव मिला। इस घटना के एक सप्ताह बाद ही मानपुर में यह तीसरी घटना हो गई। अंदाजा लगाया जा सकता है कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए कितनी जिम्मेदारी के साथ काम किया जा रहा है।