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Sidhi news:छात्रावास बना मधुशाला,अधीक्षक आए दिन जमाते है महफिल

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छात्रावास बना मधुशाला,अधीक्षक आए दिन जमाते है महफिल

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सीधी- जिले के वनांचल क्षेत्र मडवास में संचालित आदिवासी जूनियर बालक छात्रावास अधीक्षक की अयाशी का अड्डा बना हुआ है। यहाँ पदस्थ अधीक्षक राघवेंद्र सिंह द्वारा अपने साथियों के साथ आए दिन शराबखोरी की जाती है। और छात्रों के साथ गाली गलौज करते हुए मारपीट भी की जाती है।यह आरोप छात्रावास के छात्रों द्वारा लगाया गया है। 

जी हाँ घर से दूर पढ़ने आए छात्रों के संरक्षण और उनकी देखभाल के लिए छात्रावासों में अधीक्षक नियुक्त किये जाते हैं लेकिन वो अपने दायित्वों का निर्वहन कैसे करते हैं यह मडवास के इस छात्रावास अधीक्षक की हरकते बयां कर रही है। ताजा मामला सामने आया है जहां मड़वास में संचालित जूनियर आदिवासी छात्रावास के अधीक्षक राघवेंद्र सिंह द्वारा छात्रावास में अपने साथियों के साथ आए दिन महफिल जमी जाती है वहां शराब पी जाती है और फिर शराब के नशे में बच्चों के साथ अभद्रता गाली गलौज और मारपीट भी की जाती है यही नहीं यदि शराबी उल्टी कर देते हैं तो उन्हें छात्रों से साफ करवाया जाता है छात्रावास के छात्रों द्वारा अपनी दुखद पीड़ा सुनते हुए बताया गया कि अधीक्षक राघवेंद्र सिंह के साथ सोनगढ़ के अधीक्षक भी अक्सर छात्रावास में शराब पीने आते हैं और आए दिन शराब के नशे में छात्रों के साथ गाली-गलौज करते हैं छात्रों के द्वारा विरोध करने पर उन्हें मारा पीटा भी जाता है हमारे द्वारा छात्र नहीं बताया कि इस बात की शिकायत कई बार जिम्मेदार अधिकारियों से भी की गई लेकिन अधीक्षक के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं होती। 

गौरतलब है की सबको शिक्षा उपलब्ध कराने एवं हरिजन आदिवासी परिवार के बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए सरकार द्वारा तमाम तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं लेकिन मैदानी अमले में इसके क्रियान्वयन की जिम्मेदारी जिन्हें मिली हैअक्सर वही छात्रों के भविष्य में रोड़ा बनते देखे जाते हैं। 

छात्रावास के छात्रों ने बताया कि विगत जुलाई माह से छात्रावास का मोटर खराब है जिसके चलते पानी के लिए छात्रों को हैंडपंप में जाना पड़ता है कई बार जलवाहक द्वारा अधीक्षक से मोटर पंप सुधारने के लिए कहा गया लेकिन इस और कोई ध्यान नहीं दिया गया। खास बात यह है कि इस 50 बिस्तर वाले छात्रावास में महज एक दर्जन छात्र ही रहते है। उन्हे भी अधीक्षक द्वारा शासन से मिलने वाली सुविधाओं के लिए मोहताज किया जाता है। छात्रों ने पीड़ा व्यक्त करते हुए बताया कि महीने में जो खाद्यान छात्रावास के लिए मिलता है वह अधीक्षक अपने घर ले जाते है। छात्रों के अनुसार गत माह गेंहू,चावल के अलावा कंबल,चद्दर एवं तकिया भी आई थी जिसे अधीक्षक द्वारा अपने घर उठा ले गया है। 

अधीक्षक की करतूत कैमरे में कैद

आदिवासी जूनियर बालक छात्रावास मड़वास के अधीक्षक राघवेन्द्र सिंह द्वारा छात्रावास को मिलने वाली राशन सामग्री के साथ-साथ कंबल,चद्दर,तकिया एवं अन्य सामग्री अपने घर उठा ले जाते थे और छात्रावास में रहने वाले छात्रों को दाने-दाने के लिए मोहताज होना पड़ता था। ऐसे में गत माह अधीक्षक की इस करतूत को छात्रों ने अपने मोबाईल में कैद कर लिया है। जानकारी के अनुसार स्थानीय मीडिया को भी छात्रों द्वारा अधीक्षक के इस करतूत का वीडियो उपलब्ध कराया गया है।

निकलवा लेते है पैसा

अनुसूचित जाति एवं जनजाति के छात्रों को सरकार द्वारा दी जाने वाली शिष्यवृत्ति भी अधीक्षक के लिए अवैध कमाई का जरिया बना हुआ है। छात्रों ने तैयार किये गए वीडियो में इस बात का भी उल्लेख किया है कि सरकार द्वारा 1 हजार रूपये प्रतिमाह शिष्यवृत्ति की राशि दी जाती है वह भी अधीक्षक द्वारा हम लोगों को बैंक ले जाकर निकलवा लिया जाता है। एक छात्र ने वीडियो में यह भी खुलाशा किया है कि अभी हाल ही में 6 माह की शिष्यवृत्ति आई थी जिसे अधीक्षक द्वारा ले जाकर बैंक से निकलवा लिया गया है।

पत्नी भी दिखाती है रौब

आदिवासी जूनियर छात्रावास मड़वास के छात्रों ने यह भी आरोप लगाया है कि एक तरफ जहां अधीक्षक राघवेन्द्र सिंह द्वारा छात्रों के साथ अभद्र व्यवहार किया जाता है वहीं दूसरी तरफ उनकी पत्नी भी छात्रावास में आकर हम लोगों को रौब दिखाती है। छात्रों ने बताया कि हाल ही में अधीक्षक की पत्नी छात्रावास में रहने वाले छात्रों को परिसर की साफ-सफाई करने के लिए कहा गया था लेकिन जब सफाई नही किये तो उनकी पत्नी हम लोगों को धमका रही थी। 

ठंड से बचने नही है कपड़े

50 विस्तरा इस छात्रावास में भले ही कागजों में यह संख्या 50 दर्ज हो लेकिन इस बात का खुलाशा वहां रहने वाले छात्रो ंने स्वयं किया है कि 10 से ज्यादा संख्या कभी नही रहती। ऐसे में यहां रहने वाले छात्रों को जहां मीनू के आधार पर भोजन तो कभी नही दिया जाता वहीं इस कड़कड़ाती ठंड में कंबल गद्दा भी अधीक्षक द्वारा नही दिया जाता। एक छात्र ने वीडियो में इस बात का खुलाशा किया है कि हाल ही में अधीक्षक द्वारा कंबल,गद्दा की खरीदी की गई है लेकिन जब हम लोगों द्वारा इसकी मांग की गई तो देने की बात तो दूर उल्टा गाली गलौच करने लगे। कुल मिलाकर यह छात्रों की पीड़ा ने साफ कर दिया है कि आदिवासी जूनियर बालक छात्रावास मड़वास में अधीक्षक की तानाशाही जमकर चल रही है यहां रहने वाले छात्र शिक्षाध्यन करने में सफल हो या न हो लेकिन अधीक्षक की मधुशाला का गुण जरूर ग्रहण कर सकते है। 

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