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बाणसागर नहर में पानी न छोडऩे के कारण किसान परेशान

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बाणसागर नहर में पानी न छोडऩे के कारण किसान परेशान

रवी सीजन में किसानों के लिए बाण सागर का पानी अमृत की बूंद के समान माना गया है। ऐसे में पानी न छोडऩे से किसानों के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है। चुरहट क्षेत्र के किसानों ने मीडिया से चर्चा करते हुए बताया कि इस सीजन में सिर्फ तीन दिन पानी छोड़ा गया था अब जब पानी की आवश्यकता है तो जिम्मेदार अधिकारी-कर्मचारी सुनने को तैयार नही हो रहे हैं। स्थिति यह है कि पानी के अभाव में तेज ठंड व कोहरे के प्रकोप में फसलों में पाला लगने की संभावना बढ़ गई है।
उल्लेखनीय है कि चुरहट क्षेत्र की 60 फीसदी उपज पानी पर आधारित रहती है जबसे नहर के माध्यम से खेतों में पानी पहुंचने लगा था तो किसानों की आय दोगुनी हो गई थी लेकिन इस वर्ष समय पर बाण सागर का पानी नहरों में नही छोड़ा जा रहा है जिसके चलते किसानों को अच्छी खासी चपत लग रही है। किसानों ने बताया कि इस संबंध में कई बार बाण सागर के जिम्मेदार अधिकारियों से दूरभाष से एवं मुलाकात कर चर्चा की गई लेकिन आश्वासन के सिवाय कुछ नही मिल रहा। बताया गया कि माइनर नहरों की स्थिति अत्यधिक खराब हो गई है जगह-जगह नहर टूट गई है। विभाग नहरों की मरम्मत के नाम पर हर वर्ष राशि आहरित करता है लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि जगह-जगह टूटी नहरे यथावत पड़ी हुई है। एक वजह यह भी है कि जब नहर में पानी छोड़ा जाता है तो नहरों के टूटने की समस्या के चलते पानी शुरू के खेतों में अत्यधिक भर जाता है वह आगे नही पहुंच पाता।

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बाण सागर नहर का पानी किसानों के खेतों तक पहुंचाने के लिए माइनर नहर का निर्माण कराया गया है जिसके माध्यम से किसानों के खेतों में पानी पहुंचता है लेकिन कई वर्षो पूर्व निर्मित कराई गई माइनर नहर जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो गई है। ऐसे में उनका मेंटीनेंश सही तरीके से न कराने से नहर में पानी तो छोड़ा जाता है लेकिन वह किसानों के खेतों तक नही पहुंच पाता। सूत्र बताते है कि प्रत्येक वर्ष बाण सागर विभाग द्वारा मेन नहर एवं माइनर नहर की मरम्मत के नाम पर लाखों, करोड़ो रूपये खर्च किये जाते है लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि यह राशि सिर्फ कागजों में दर्शाकर हजम कर ली जाती है। नहरों की स्थिति निरंतर दयनीय बनी हुई है।

चुरहट क्षेत्र के किसानों ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि पानी के अभाव में फसल सूखने के साथ-साथ तेज ठंड व घने कोहरे के प्रकोप से पाले का भय सता रहा है जिसको लेकर पानी चालू करने के संबंध में कई बार विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों से बात की गई लेकिन कोई समाधान नही निकल रहा है। चुरहट क्षेत्र के किसान अनिरूद्ध सिंह, पद्माकर सिंह, अशोक सिंह, अभिमन्यू तिवारी, हीरा तिवारी, मनोज तिवारी, रमेश तिवारी, शीतल तिवारी, संजय पाण्डेय, राजेन्द्र पाण्डेय ने बताया कि जब इस संबंध में बाण सागर के एसडीओ सावन सोनी से चर्चा की गई तो उन्होने यह कहा दिया कि 90 प्रतिशत किसानों को पानी की आवश्यकता नही है जिसके चलते पानी सप्लाई बंद की गई है जबकि हकीकत यह है कि खेतों को पानी की अत्यधिक आवश्यकता है।

इनका कहना है.
किसानों को पानी की आवश्यकता अभी नही है रही बात नहर टूटने की तो जब पानी चालू होता है तो किसान नहरों को बांध देते है जिसके चलते पानी का बहाव रूक जाता है और जहां पर नहर कमजोर होती है वहां से टूट जाती है। ऐसे में किसानों को ही खेतों में पानी चढ़ाने के लिए अनुचित साधनों के प्रयोग से बचना होगा।
सावन सोनी
एसडीओ बाण सागर चुरहट

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