सुप्रीम कोर्ट के आदेश दरकिनार, लोगों ने आयुक्त की भरेंशाही पर उठाया सवाल
मामला चहेते कर्मचारी को नियम विरुद्ध लाभ पहुंचने पर उतारू सिंगरौली नगर निगम आयुक्त
संदीप श्रीवास्तव।
सिंगरौली। नगर पालिक निगम सिंगरौली के आयुक्त सतेन्द्र सिंह धाकरे अपनी मनमानी और विभागीय आदेश व नियमों को ताक पर रखकर पदोन्नति आदेश करने पर आमादा हो गए है. आयुक्त द्वारा महज एक कर्मचारी को अनुचित लाभ पहुंचाने विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) भी गठित कर दिया गया है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर पालिक निगम सिंगरौली के आयुक्त सतेन्द्र सिंह धाकरे अपनी मनमानी और भरेंशाही से इन दिनों सुर्खियों में है. जानकारी के अनुसार नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा 2018 से विभागीय पदोन्नति पर प्रतिबन्ध लगाया गया है. नगरीय विकास एवं आवास बिभाग के उप सचिव हर्षल पंचोली ने आदेश क्रमांक 4316 /863014/2020 /18-1 भोपाल दिनांक 23 सितम्बर 2022 के आदेश में प्रदेश भर के नगर निगम आयुक्तो, नगर पालिका अधिकारियो को आदेश जारी कर बताया था कि वर्ष 2016 से नगरीय निकायों में पदोन्नति पर प्रतिबन्ध लगाया गया है. इस आदेश को संस्था प्रमुखो को कड़ाई से पालन करना है. इसके बाद भी नगर पालिक निगम सिंगरौली के आयुक्त सतेन्द्र सिंह धाकरे अपनी मनमानी और भरेंशाही पर उतारू है. विभागीय अधिकारियो के आदेश को ठेंगा दिखा रहे है. नगर निगम के अधिकारियो कर्मचारियों में कमिश्नर के रवैया को लेकर चर्चा का बाजार गर्म है.
एक कर्मचारी पर इतने मेहरबानी क्यों।
बताया जाता है कि नगर पालिक निगम के आयुक्त श्री धाकरे इतने कम समय में ही अनुकम्पा में नियुक्त सहायक राजस्व निरीक्षक से टाइम कीपर के पद परिवर्तन कराने वाले कर्मचारी पर इतने मेहरबान कैसे हो गए. जो अपने ही विभागीय अधिकारियो के आदेश को धता बता रहे है. आखिर मेहरबानी के पीछे क्या कोई बड़ा लाभ लेने की कोई बड़ी वजह तो नहीं है. आम लोगों में भी चर्चा का विषय बना हुआ है.
आयुक्त ने गठित की डीपीसी
बताया जाता है कि आयुक्त श्री धाकरे ने मुख्यलय भोपाल के अधिकारियो के पदोन्नति के आदेश पर प्रतिबन्ध के वावजूद भी विभागीय पदोन्नति समिति गठित कर दिया गया है.आयुक्त के इस आदेश से अधिकारी कर्मचारी भी हतप्रभ है. कई लोग तो आयुक्त के आदेश पर दबेजुबा सवाल उठा रहें है.
25-30 सालो से कार्यरत टाइम कीपर उपेक्षित, 5 साल वाले को पदोन्नति क्यों।
नगर निगम आयुक्त सत्येंद्र सिंह धाकरे द्वारा निगम में ढाई से तीन दशको से टाईम कीपर के पद पर कार्यरत कर्मियों की वरिष्ठता और योग्यता को दरकिनार कर महज 5 साल से सहायक राजस्व निरीक्षक से पद परिवर्तन कराकर पीछे के दरवाजे से टाईम कीपर बने कर्मी को पदोन्नति देकर उपयंत्री बनाने पर पूरी ताकत झोक दिए है. इन्हे सुप्रीम कोर्ट और सचिवालय के आदेश भी बौने दिखाई दे रहे है.
नगर निगम में 9 टाईम कीपर है कार्यरत।
जानकारी के अनुसार नगर पालिक निगम सिंगरौली में 9 टाईम कीपर कार्यरत है. उन्हें न तो उपयंत्री का प्रभार मिला और न ही उन्हें पदोन्नति के लिये अब तक डीपीसी गठित की गई. निगम आयुक्त के इस कदम से मनमानी और भरेंशाही की ओर इशारा कर रहा है.
अबतक हजारों कर्मी बिना पदोन्नति हो चूके है सेवानिवृत
गौर तलब है कि मध्यप्रदेश में विगत 2018 से पदोन्नति पर प्रतिबन्ध के वावजूद हजारों शासकीय कर्मचारी बिना पदोन्नति के सेवा निवृत हो चूके है. पदोन्नति में आरक्षण के मुद्दा उच्च न्यायलय से सुप्रीम कोर्ट के चल रहा है. जिससे पदोन्नति के मामले में सरकार भी बचती आ रही है.
पार्षद ने भी उठाया सवाल
सूत्रों के अनुसार नगर निगम आयुक्त श्री धाकरे द्वारा पदोन्नति में प्रतिबध के बाद भी डीपीसी गठन पर सवाल उठाते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग, आयुक्त नगरीय निकाय भोपाल, महापौर और नगर निगम अध्यक्ष से भी शिकायत कर जाँच की मांग की है.
अध्यक्ष -महापौर ने कहा नियमों के खिलाफ काम नहीं होगा
नगर निगम के अध्यक्ष देवेश पाण्डेय और महापौर श्रीमती रानी अग्रवाल ने साफ शब्दों में कहा है कि
किसी भी अधिकारी की कोई मनमानी नही चलने दूंगी जो नगरीय निकाय के अधिनियम व शासन का आदेश होगा वही होगा.
इनका कहना है
किसी एक पोस्ट की पदोन्नति की जा सकती है सार्वजनिक पदोन्नति पर रोक है
सतेंद्र सिंह धाकरे
आयुक्त,नगर पालिक निगम सिंगरौली