जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र में मनाई गई ब्रेल लिपि के जनक लुई ब्रेल की जयंती
सीधी-जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र सीधी के कर्मचारियों ने दृष्टिहीनों को शिक्षा का वरदान प्रदान करने वाले, महान शिक्षाविद और ब्रेल लिपि के जनक लुई ब्रेल की जयंती पर उन्हें याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। लुई ब्रेल ने दृष्टिहीनों के लिए ज्ञान के जो चक्षु खोलने का कार्य किया, आज विश्व लुई ब्रेल दिवस पर उन्हें याद किया गया। इस अवसर पर प्रभारी प्रशासनिक अधिकारी दीपक त्रिपाठी, पुनर्वास विशेषज्ञ विशेष शिक्षक शिवांसु शुक्ला एवं उमेश पटेल द्वारा पुष्प अर्पित कर लुई ब्रेल को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके किये कार्यो को याद किया गया। लुई ब्रेल की जन्म के कुछ सालों बाद खेलते खेलते उनके आंख में सुई लग गयी और जब वो आठ वर्ष के हुए तो पूर्णत: दृष्टिहीन हो गए। 10 वर्ष की उम्र में इन्होंने रॉयल इंस्टीट्यूट फार ब्लाइंड में दाखिला लिया वहाँ पर इन्हें शाही सेना के सेवानिवृत्त कैप्टन चार्लस बार्बर ने सेना के लिए ऐसी कुटलिप का विकास किया जिसकी सहायता से टटोलकर पढ़ी जा सके। उसी में लुई ब्रेल द्वारा 1829 में छ: बिन्दुओ पर आधारित ऐसी लिपि बनाने में सफल हुए जिसे आज अंतर्राष्ट्रीय मान्यता है। इस तरह उनके जीवनी और संघर्षो को याद किया गया। इस अवसर पर सामाजिक न्याय के अधिकारी कर्मचारी उपस्थिति रहे।