रिश्वतखोर लेखापाल को 4 वर्ष का कठोर कारावास व 8000 रूपए अर्थदण्ड की सजा
सीधी-रिश्वतखोर लेखापाल को न्यायालय ने 4 वर्ष का कठोर कारावास व 8000 रूपए अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है। बताया गया कि शिकायतकर्ता रामकृष्ण श्रीवास्तव पिता केशव प्रसाद श्रीवास्तव शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय चुरहट जिला सीधी को जिला शिक्षा अधिकारी सीधी ने आदेश दिनांक 14 फरवरी 2017 के द्वारा निलंबित कर दिया था। उक्त निलंबन आदेश के विरूद्ध शिकायतकर्ता श्री रामकृष्ण श्रीवास्तव जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय जाकर अपना अभ्यावेदन प्रस्तुत किया और लेख किया था कि उसका गलत निलंबन हुआ है जिसकी जांच की जाये तथा उसे निलंबन से बहाल किया जाये। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय सीधी में कार्यरत हनुमान प्रसाद शुक्ला बडे बाबू द्वारा उसे निलंबन से बहाल करवाने के एवज में 10,000 रूपये रिश्वत की मांग की गई। शिकायतकर्ता रामकृष्ण श्रीवास्तव द्वारा उक्त राशि की रिश्वत आरोपी को न दी जाकर आरोपी को पकड़वाने के लिये लोकायुक्त रीवा के पुलिस अधीक्षक को शिकायत की गई। शिकायत के सत्यापन के क्रम में आरोपी की रिश्वत मांग सम्बन्धी आवाज रिकार्ड कराई गई। रिकार्डिंग में अभियुक्त के द्वारा 8000 रूपये डीईओ के लिए एवं 2000 रूपये अपने लिए कुल 10,000 रूपये रिश्वत की मांग की गई। पुलिस अधीक्षक के आदेशाधीन निरीक्षक विद्यावारिधि तिवारी द्वारा प्रकरण में आरोपी हनुमान प्रसाद शुक्ला बड़े बाबू कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी सीधी जिला सीधी के विरूद्ध धारा 7 भ्रनि अधि. 1988 के अन्तर्गत अपराध क्र. 108/19 पंजीबद्ध कर ट्रेप आयोजित किया गया। ट्रेप कार्यवाही के दौरान आरोपी हनुमान प्रसाद शुक्ला अपने घर में शिकायतकर्ता से रिश्वती 7000 रूपये प्राप्त कियेए जिसके पश्चात् लोकायुक्त ट्रेप दल ने आरोपी को रंगे हाथ पकड लिया। प्रकरण की विवचेना के तहत मोटिव्ह से सम्बन्धित दस्तावेज जप्त किये गए। प्रकरण में अभियुक्त के विरूद्ध अभियोजन स्वीकृति प्राप्त कर विवेचना उपरांत अभियोग पत्र विशेष न्यायालय सीधी के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जिसके न्यायालयीन विशेष सत्र प्रकरण क्रमांक 03/19 में शासन की ओर से पैरवी करते हुए सहायक जिला अभियोजन अधिकारी प्रशान्त कुमार पाण्डेय द्वारा अभियुक्त को संदेह से परे प्रमाणित कराया गया। परिणामस्वरूप विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की न्यायालय के द्वारा प्रकरण में आरोपी हनुमान प्रसाद शुक्ला पिता गणेश प्रसाद शुक्ला उम्र लगभग 59 वर्ष, निवासी ग्राम व पोस्ट ममदर, थाना रामपुर नैकिन जिला सीधी हाल अर्जुन नगर सीधी जिला सीधी पद लेखापाल निलंबित कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी सीधी, जिला सीधी को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के आरोप में 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 3000 रूपए अर्थदण्ड एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1) (डी) सहपठित धारा 13 (2) के आरोप में 4 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000 रूपए अर्थदण्ड की सजा से दण्डित किया गया। अभियुक्त को अधिरोपित कारावास की उपरोक्त सभी सजाएं एक साथ भुगताये जाने का आदेश पारित किया गया।