डॉ. एस.बी. खरे के बदौलत भूखे मर रहे हेल्प डेस्क के संविदा कर्मचारी
–नौ माह से नही मिला वेतन, बाल-बच्चे परेशान
-वर्तमान सिविल सर्जन ने पूर्व सिविल सर्जन के ऊपर लगाया आरोप
जिला चिकित्सालय सीधी में हेल्प डेस्क संविदा कर्मचारियों को नौ माह से वेतन न मिलने के कारण उनका परिवार भूखे मरने की कगार पर खड़ा हुआ है। जिसकी शिकायत सम्बंधित विभाग के अधिकारियों एवं जिला प्रशासन से कई बार की गई लेकिन कोई निराकरण नही हुआ जिसके कारण संविदा कर्मचारियों के बाल-बच्चों का पठन-पाठन एवं भरण-पोषण संभव नही हो पा रहा है यदि कही संविदा कर्मचारियों के साथ कोई अप्रिय घटना घटित होती है तो उसके जिम्मेदार प्रशासन होगा। जब मीडिया कर्मियों से वर्तमान सिविल सर्जन श्रीमती डॉ. दीपा ईसरानी से इस सम्बंध में चर्चा की गई तो उन्होने कहा कि पूर्व सिविल सर्जन एवं वर्तमान आरएमओं डॉ. एस.बी.खरे के अडि़यल रवैये के कारण उपस्थिति पंजी में हस्ताक्षर न होने के कारण हेल्पडेस्क के संविदा कर्मियों का भुगतान नही हो पा रहा है जिसके जिम्मेदार डॉ. एस.बी. खरे है। उन्होने कहा कि उनकी कुछ चाहत है जो हेल्प डेस्क कर्मचारियों द्वारा कहा से पाये तो दे।
सीधी जिला चिकित्सालय में पदस्थ हेल्प डेस्क में चार कर्मचारियों का वेतन तीन माह से अभी तक नहीं मिल पा रहा है। इस मामले में पूर्व सिविल सर्जन पर आरोप लगाते हुए वर्तमान सिविल सर्जन ने कहा कि उनका हस्ताक्षर होने के बाद ही वेतन आहरण हो सकता है। जबकि इस मामले को लेकर पदस्थ कर्मचारियों द्वारा कलेक्टर, संभागयुक्त रीवा सहित तमाम शिकायतें कर चुके हैं इसके बाद भी उनका वेतन भुगतान होना नहीं हो रहा है। मामले में लापरवाही की वजह क्या है यह तो जांच का विषय बना हुआ है लेकिन कही न कहीं दो सिविल सर्जन के बीच आपसी लड़ाई की वजह से वेतन विसंगति को लेकर शिकायतें भी मिल रही हैं।
इस मामले में संभागायुक्त रीवा, कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को लिखित आवेदन देकर मांग की गई है कि सेहत कार्यक्रम के अंतर्गत हेल्प डेस्क में पदस्थ चार कर्मचारियों को पूर्व प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. एसबी सिंह ने विगत तीन माह से वेतन आहरण नहीं किए हैं। जिस वजह से कर्मचारियों में नाराजगी हैं। शिकायत में उल्लेख किया गया है कि डॉ. खरे अकारण ही हम चारों नियमित रूप से काम करने के बाद भी वेतन आहरण नहीं करा रहे हैं। शाखा लिपिक इजराइल खान पूर्व से हमारी इस माह की उपस्थिति भूतपूर्व सिविल सर्जन से प्रति हस्ताक्षरित कर समय पर भेजते थे लेकिन वेतन भुगतान नहीं हुआ है। इस मामले में बहानेबाजी का काम लगातार किया जा रहा है। वर्तमान सिविल सर्जन एवं पूर्व सिविल सर्जन के कारण नियंत्रण उपस्थिति के कारण कार्यरत वेतन भुगतान न होना समझ से परे है। इस संबंध में तमाम शिकायतें भी की जा चुकी है इसके बाद भी वेतन भुगतान का काम नहीं हो रहा है। जिससे कर्मचारी भूखों मरने की कगार पर है। इस मामले की शिकायत करने वालों में श्रीमती कामनी सिंह परिहार, रचना सिंह, विनीत सिंह एवं संदेश पटेल शामिल हैं।
इस मामले में पूर्व सिविल सर्जन हैं जिम्मेदार – डॉ. इसरानी
मामले को लेकर जानकारी देते हुए वर्तमान सिविल सर्जन डॉ. दीपारानी इसरानी ने बताया कि इस मामले में पूर्व सिविल सर्जन की लापरवाही मानी जाती है। उनके द्वारा अभी तक हस्ताक्षर नहीं किया गया जिस वजह से यह लापरवाही मानी जा रही है। कही न कहीं सिविल सर्जन रहते हुए डॉ. खरे ने ऐसे कर्मचारियों को वेतन भुगतान के लिए आदेश नहीं किया। यही वजह है कि उनकी कमी से अब वेतन भुगतान में दिक्कतें हो रही हैं।
हम नहीं हैं इसके जिम्मेदार, सिविल सर्जन देंगे जवाब- बघेल
इस मामले में अस्पताल के प्रबंधक पंकज सिंह बघेल ने कहा कि इस मामले में हम कोई जिम्मेदार नहंी है। मामले को लेकर नोडल अधिकारी नियुक्ति होते हैं जो कि डॉ. खरे पदस्थ हैं लेकिन उनके द्वारा जब वेतन को लेकर कोई प्रक्रिया नहीं होती तो हम इस मामले में कुछ नहीं कह पाएंगे। यही वजह है कि मामले में जो भी लापरवाही हो रही है उसके जिम्मेदार कौन है यह जांच के बाद सामने आएगा।