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सोन घडिय़ाल अभ्यारण्य क्षेत्र में एक वर्ष में 25 गाडिय़ां जब्त की गई

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Songhadiyal sidhi:सोन घडिय़ाल अभ्यारण्य क्षेत्र में एक वर्ष में 25 गाडिय़ां जब्त की गई…

– अवैध गतिविधियों को रोकने रखी जा रही कड़ी निगरानी

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सीधी-अधीक्षक सोन घडिय़ाल वन्यप्राणी अभ्यारण्य ने जानकारी देकर बताया है कि विगत एक वर्ष में सोन घडिय़ाल अभ्यारण्य द्वारा कुल 25 गाडिय़ा जप्त कर राजसात की अग्रिम कार्यवाही हेतु पीओआर दर्ज किया गया है, जिसमें से 2 गाडिय़ा घटना क्षेत्र के समीप झिरिया घाट से 21 नवम्बर 2023 को जप्त करी गई थी। इसके साथ ही 7 गाडियां जप्त की गई परंतु जांच में सोन घडिय़ाल अभ्यारण्य के बाहर पाये जाने पर खनिज विभाग को ट्रान्सफर कर दी गई है। विगत वर्ष सोन घडियाल अभ्यारण्य से आज दिनांक तक 19 गाडिय़ों को राजसात करने के आदेश पारित किये जा चुके हैं। इसके साथ ही अवैध उत्खनन के रोकथाम हेतु सोन घडिय़ाल अभ्यारण्य अंतर्गत घाटों में पहुंच मार्ग पर निरंतर तोड़ा जाता रहा है। सोन घडिय़ाल अभ्यारण्य कुल 209.21 किमी तक फैला हुआ है, जिसमे वर्तमान में 21 वनरक्षक, 9 वनपाल, 2 परिक्षेत्र अधिकारी तथा 1 अधीक्षक पदस्थ है। इसके साथ ही सोन घडिय़ाल अभ्यारण्य अंतर्गत कुल 56 सुरक्षा श्रमिक कार्यरत है, जिनके पास गस्ती हेतु कुल 3 वाहन उपलब्ध है। वर्तमान में सोन घडिय़ाल अभ्यारण्य के पास रेत उत्खनन के रोकथाम हेतु नाव न होने के कारण पैदल गस्ती रोडपर तथा नदी के तट पर करी जाती है, जिसके चलते यदि सामने वाले घाट पर कोई अवैध गतिविधि होने हुए पाई जाती है, तो उसके लिए करीबी रास्ते से होते हुए ही नदी के दूसरी छोर पर गस्ती दल पहुंच पाता है। इस तरह से 209.21 कि.मी. नदी की दूरी वास्तविकता में इससे कहीं ज्यादा हो जाती है। उन्होंने बताया कि सोन घडिय़ाल अभ्यारण्य द्वारा वर्ष 2021 में राष्ट्रीय चंबल अभ्यारण्य से एक नग नर घडिय़ाल लाया गया था, तथा उनके सफल प्रजनन एवं सुरक्षा हेतु मानीटरिंग सिस्टम का भी गठन किया गया था, जिसके फलस्वरूप वर्तमान में 138 बच्चो में से वर्तमान स्थिति में 12 बच्चे जीवित है। घडिय़ालो के बच्चो के जीवित रहने का यह प्रतिशत किसी भी अन्य संरक्षित क्षेत्र से जो कि सामान्यत: 2 प्रतिशत से ज्यादा नही होता, उससे कहीं ज्यादा है। इसके साथ ही इस वर्ष अभ्यारण्य के निरंतर मानीटरिंग तथा सुरक्षा व्यवस्था के फलस्वरूप मंगरों की जनसंख्या मे निरंतर वृद्धि पाई गई है। इसके साथ ही प्रवासी पक्षी इण्डियन स्किमर द्वारा भी अपना प्रजनन क्षेत्र पिछले वर्षो के मुकाबले इस वर्ष बढ़ाया गया है तथा उनकी जनसंख्या मे भी वृद्धि पाई गई है। सोन घडिय़ाल अभ्यारण्य द्वारा जलीय जीवो के सुरक्षा हेतु निरंतर कार्य किये जा रहे है तथा उसी दिशा मे इस वर्ष दोबारा राष्ट्रीय चंबल अभ्यारण्य से नर घडिय़ाल लाए जाने की तैयारियां जारी है।

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