नई दिल्ली- आने वाला नया साल 2024 केन्द्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए खुशियों भरा होने वाला है। लोकसभा चुनाव से पहले केन्द्र सरकार केन्द्रीय कर्मचारियों को 2 बड़े तोहफे दे सकती है, इसमें महंगाई भत्ता और फिटमेंट फैक्टर में वृद्धि शामिल है और यदि इन दोनों फैसलों पर मुहर लगती है तो केन्द्रीय कर्मचारियों की सैलरी में बड़ा उछाल देखने को मिलेगा, हालांकि अधिकारिक पुष्टि होना अभी बाकी है कि दोनों में कितनी और कब वृद्धि होगी।
दरअसल, केन्द्र सरकार द्वारा साल में दो बार जनवरी और जुलाई में कर्मचारियों-पेंशनरों के DA/DR की दरों में संशोधन किया जाता है, जो की AICPI इंडेक्स के छमाही के आंकड़ों पर निर्भर करता है। 2023 के लिए दोनों दरों का ऐलान हो चुका है और अब अगला डीए साल 2024 में रिवाइज होगा, जो जुलाई से दिसंबर 2023 के AICPI इंडेक्स के आंकड़ों पर निर्भर करेगा।सितंबर तक आए AICPI इंडेक्स के आंकड़ों से कयास लगाए जा रहे है कि नए साल में डीए 50% या इससे पार हो सकता है। भले ही सितंबर में AICPI 1.7 अंक घटकर 137.5 पर रहा, लेकिन डीए का स्कोर 48.54 फीसदी पहुंचा है और अब अगले अक्टूबर महीने के अंक 28 से 30 नवंबर के बीच जारी किए जाएंगे।
इसके बाद नवंबर दिसंबर के अंक जारी होंगे। अगर दिसंबर तक डीए स्कोर बढ़कर 50 फीसदी तक पहुंचता है तो डीए में फिर 4% वृद्धि होना तय है हालांकि ऐसी स्थिति में कर्मियों की सैलरी रिवाइज होगी क्योंकि केन्द्र सरकार ने 7TH Pay Commission का गठन के साथ ही DA के रिविजन के नियमों को तय किया था कि डीए 50% होने पर शून्य हो जाएगा, 50% डीए को मौजूदा बेसिक सैलरी में जोड़कर दिया जाएगा और डीए की गणना शून्य से शुरू होगी, ऐसे में नए वेतन आयोग के लागू होने की भी संभावनाएं बनती नजर आ रही है। केन्द्र सरकार ने 2023 में 4-4 प्रतिशत करके कुल 8 फीसदी डीए बढाया है और संभावना है कि नए साल में फिर 4 फीसदी तक डीए बढ़ सकता है, इसके अलावा एचआरए और टीए में भी वृद्धि होने का अनुमान है। हालांकि अभी अधिकारिक पुष्टि होना बाकी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लोकसभा चुनाव से पहले केन्द्र की मोदी सरकार कर्मचारियों फिटमेंट फैक्टर पर भी कोई बड़ा फैसला ले सकती है। वर्तमान में 7वें वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों का फिटमेंट फैक्टर 2.57 फीसदी और बेसिक सैलरी 18000 है और कर्मचारी लंबे समय से इसे 3.86 फीसदी करने की मांग कर रहे है।
संभावना है कि लोकसभा चुनाव के चलते कर्मचारियों को साधने के लिए मोदी सरकार इस मांग को पूरा कर सकती है। इसे 2.57 से बढ़ाकर 3.00 या 3.68 फीसदी किया जा सकता है। अगर ऐसा हुआ तो बेसिक सैलरी 18000 से बढ़कर 21000 या 26000 हो जाएगी, इस तरह अलग अलग लेवल के कर्मचारियों की सैलरी में अलग अलग वृद्धि होगी। ।
उदाहरण के तौर पर, यदि किसी केंद्रीय कर्मचारी की बेसिक सैलरी 18,000 रुपए है, तो भत्तों को छोड़कर उसकी सैलरी 18,000 X 2.57= 46,260 रुपए का लाभ होगा। 3 गुना फिटमेंट फैक्टर होने पर सैलरी 21000 X 3 = 63,000 रुपये होगी। इससे पहले सरकार ने 2016 में फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाया था और इसी साल से 7th pay commission को भी लागू किया गया था।