सीधी- लोकसभा चुनाव प्रचार प्रसार के लिए एक से बड़े एक दिग्गज सीधी विधानसभा में प्रचार के लिए आए मुख्यमंत्री मोहन ने तो नामांकन से लेकर छोटे गांव तक कई सभाएं कर डाली लेकिन लोगों को इतना आकर्षित नहीं कर सके। इसके बाद अब आखिर में मामा शिवराज सिंह चौहान को मोर्चा संभालने के लिए सीधी में डेरा डालना पड़ रहा है। लोगों में कानाफूसी तो यह भी हो रही है कि मोहन से नहीं बनी बात तो अब आई मामा की याद…?
जी हां बता दे कि विगत दो दशकों से सीधी सिंगरौली में भाजपा का वर्चस्व रहा है एकाद को छोड़ दें तो बाकी सभी सीटों पर भाजपा के विधायक रहे हैं पुस्तैनी सीटों पर भी भाजपा द्वारा अपना परचम लहराया गया और सांसद तो विगत कई वर्षों से भाजपा के ही रहे हैं और वर्तमान में भाजपा और मोदी लहर भी चरम पर बताई जा रही है बावजूद इसके इस बार सीधी लोकसभा सीट को लेकर भाजपा को कड़ी मेहनत करनी पड़ रही है मुख्यमंत्री ने जहां कई-कई सभाएं सीधी लोकसभा सीट में की है वही केंद्रीय नेतृत्व भी सीधी में वोटरों को साधने के लिए अपनी आमद दे चुका है लेकिन कहीं कुछ कमी रही होगी जो अब हर दिल अजीज पूर्व मुख्यमंत्री को सीधी आना पड़ रहा है इससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि मामा की ही सब माया थी और अब मामा ही सीधी लोकसभा सीट की नैया पार लगाएंगे शायद यही कारण है कि आज मामा रैली सभा और रोड शो करने के बाद सीधी में रात्रि विश्राम कर वोटरों को साधने का काम करने आ रहे हैं।