राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष डॉ. रामकृष्ण कुसमरिया ने योजनाओं और छात्रावासों की समीक्षा की, जनजागरूकता अभियान चलाने के निर्देश
सीधी, 11 नवम्बर 2024:मध्यप्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष डॉ. रामकृष्ण कुसमरिया ने आज सीधी जिले में विभिन्न पिछड़ा वर्ग कल्याण योजनाओं और कार्यक्रमों की विस्तृत समीक्षा की। इस अवसर पर उन्होंने जिले में योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए और योजनाओं तक नागरिकों की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए जनजागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
योजनाओं का प्रचार-प्रसार जरूरी
डॉ. कुसमरिया ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार द्वारा पिछड़ा वर्ग के कल्याण के लिए कई जनहितकारी योजनाएं चलायी जा रही हैं, लेकिन इन योजनाओं का अधिकतम लाभ पात्र व्यक्तियों तक पहुंचाना महत्वपूर्ण है। इसके लिए नागरिकों को योजनाओं और उनकी पात्रता शर्तों के बारे में जागरूक करना जरूरी है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिले में जनजागरूकता अभियान चलाया जाए ताकि अधिक से अधिक लोग इन योजनाओं से लाभ उठा सकें।
शिक्षा और रोजगार से जुड़ी योजनाओं पर फोकस
डॉ. कुसमरिया ने विशेष रूप से शिक्षा और रोजगार से जुड़ी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही विकास की मूलधारा है और पिछड़ा वर्ग के छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न स्तरों पर छात्रवृत्तियां प्रदान की जा रही हैं। इसके अंतर्गत प्री-मेट्रिक, पोस्टमेट्रिक छात्रवृत्तियों के साथ-साथ विदेशों में अध्ययन के लिए भी छात्रवृत्तियां प्रदान की जाती हैं। उन्होंने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि कोई भी योग्य छात्र इन योजनाओं से वंचित न रहे।
साथ ही, डॉ. कुसमरिया ने सिविल सेवाओं और विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में चयनित अभ्यर्थियों को प्रोत्साहन राशि देने के निर्देश दिए और उन्हें सम्मानित करने के लिए कार्यक्रम आयोजित करने की बात कही, ताकि अन्य छात्रों को प्रेरणा मिल सके।
स्वरोजगार योजनाओं पर ध्यान
डॉ. कुसमरिया ने स्वरोजगार से जुड़ी योजनाओं की भी समीक्षा की और कहा कि पिछड़ा वर्ग के आवेदनों पर संवेदनशीलता से विचार किया जाए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि योजनाओं का लाभ जनसंख्या के अनुपात में ही लोगों तक पहुंचे। साथ ही, जाति प्रमाण पत्र के आवेदनों पर शीघ्रता से कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने विकासखंड स्तर पर छात्रावासों के लिए प्रस्ताव बनाने की भी बात कही।
कलेक्टर ने निर्देशों का पालन करने का आश्वासन दिया
सीधी के कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी ने इस दौरान सभी विभागों को शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार और प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश दिए। उन्होंने विशेष रूप से विद्यालयों में छात्रों के लिए जागरूकता अभियान चलाने की बात कही। कलेक्टर ने डॉ. कुसमरिया को आश्वस्त किया कि उनके निर्देशों के अनुसार कार्यवाही की जाएगी।
पिछड़ा वर्ग योजनाओं का वित्तीय विवरण
सहायक संचालक पिछड़ा वर्ग सुमन द्विवेदी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान 3487 छात्रों में से 874 छात्रों को पोस्टमेट्रिक छात्रवृत्ति वितरित की जा चुकी है, जबकि शेष छात्रवृत्तियां प्रक्रिया में हैं। इसके अतिरिक्त, मेधावी छात्रवृत्ति योजना के तहत कक्षा 10वीं और 12वीं के चार छात्रों को लाभान्वित किया गया है। राज्य लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा पास करने वाले 11 छात्रों को प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में स्वरोजगार योजना से 3 लाभार्थियों को लाभ मिला है।
छात्रावासों का निरीक्षण और सुधार के निर्देश
डॉ. कुसमरिया ने जिले के पिछड़ा वर्ग पोस्टमेट्रिक कन्या छात्रावास और बालक छात्रावास का भी निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने छात्राओं और छात्रों से मिलकर उनके रहने और अध्ययन की सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि शासन की ओर से छात्रावासों में सभी जरूरी सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए। उन्होंने विशेष रूप से छात्रावासों की सफाई और सुरक्षा पर ध्यान देने की बात कही।
बालक छात्रावास में पानी की समस्या का तत्काल समाधान करने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि यह समस्या छात्रों के लिए असुविधाजनक हो सकती है। लापरवाही के मामले में बालक छात्रावास के अधीक्षक को बदलने की बात भी उन्होंने कही।
बैठक में शामिल प्रमुख अधिकारी
बैठक में कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत अंशुमन राज, उपखंड अधिकारी चुरहट शेलेष द्विवेदी, जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. पी.एल. मिश्रा और अन्य संबंधित विभागीय अधिकारी भी मौजूद थे।
इस पूरी समीक्षा बैठक और निरीक्षण के दौरान डॉ. कुसमरिया ने अधिकारियों को समग्र रूप से पिछड़ा वर्ग कल्याण योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि योजनाओं का लाभ जरूरतमंद और पात्र लोगों तक पहुंच सके, जिससे उनका जीवन बेहतर हो सके।