राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने रीवा में बीहर नदी रिवर फ्रंट का किया लोकार्पण, 25 करोड़ की लागत से बने प्रदेश के पहले रिवर फ्रंट की शुरुआत
रीवा- मध्यप्रदेश के रीवा जिले में शनिवार को एक ऐतिहासिक क्षण देखने को मिला, जब राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने बीहर नदी के किनारे बने रिवर फ्रंट का उद्घाटन किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने रिवर फ्रंट को रीवा शहर के लिए एक अनुपम सौगात बताते हुए कहा कि यह शहरवासियों के लिए प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने का एक बेहतरीन स्थान बनेगा।
बीहर नदी रिवर फ्रंट: एक महत्वपूर्ण पहल
बीहर नदी के किनारे 1600 मीटर लंबाई में फैला यह रिवर फ्रंट बाबा घाट से लेकर कोतवाली घाट तक विस्तारित है। यह रिवर फ्रंट प्रदेश का पहला रिवर फ्रंट है, जिसे 25 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है। इस परियोजना का पहला चरण पूरा किया गया है, जबकि दूसरे चरण में नदी के अन्य हिस्सों में भी कार्य किया जाएगा।
रिवर फ्रंट में आधुनिक सुविधाओं का ध्यान रखते हुए पाथवे, ग्रीन-टी एरिया, और ग्रेविटी वाल का निर्माण किया गया है। इन सुविधाओं से पर्यटकों को न केवल प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव मिलेगा, बल्कि यह क्षेत्र शहरवासियों के लिए शारीरिक और मानसिक शांति का स्थान भी बनेगा।
राज्यपाल और उपमुख्यमंत्री का रिवर फ्रंट दौरा
लोकार्पण समारोह के बाद राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने इलेक्ट्रॉनिक कार में बैठकर रिवर फ्रंट का निरीक्षण किया। इस दौरान वे पंचमठ धाम पहुंचे और वहां स्थित शिव मंदिर में पूजा अर्चना की। राज्यपाल ने कहा कि इस रिवर फ्रंट के बन जाने से शहरवासियों को प्रकृति के बीच समय बिताने का एक अच्छा स्थान मिलेगा, जो पर्यावरण के प्रति जागरूकता और शांति के लिए महत्वपूर्ण है।
इस मौके पर उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला और मंत्री इंदर सिंह परमार भी उपस्थित थे। उपमुख्यमंत्री शुक्ला ने कहा, “साबरमती रिवर फ्रंट (अहमदाबाद) और गोमती रिवर फ्रंट (लखनऊ) के बाद बीहर रिवर फ्रंट रीवा की पहचान स्थापित करेगा। यह न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगा, बल्कि रीवा की सांस्कृतिक धरोहर को भी प्रदर्शित करेगा।”
पंचमठ धाम का महत्व
इसके बाद, राज्यपाल और उपमुख्यमंत्री ने पंचमठ धाम का भी निरीक्षण किया, जहां उन्हें जगदगुरु आदिशंकराचार्य द्वारा स्थापित पांचवे मठ के बारे में जानकारी दी गई। पंचमठ धाम में चार प्रमुख मठों की प्रतिकृतियां स्थापित की गई हैं, जिनमें ज्योर्तिमठ, श्रृंगेरीमठ, गोवर्धनमठ और द्वारिकामठ शामिल हैं। इस धाम का ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्व है, क्योंकि यह आदिशंकराचार्य के धर्म दिग्विजय अभियान का हिस्सा था।
राज्यपाल ने कहा, “पंचमठ धाम का दौरा कर मैं गहरे आध्यात्मिक अनुभव से गुजर रहा हूँ। यहां की वातावरण में एकात्मता की जो अनुभूति होती है, वह निश्चित ही लोगों के दिलों में आत्मिक शांति का संचार करेगी।”
भविष्य में और विकास की योजनाएं
रिवर फ्रंट के उद्घाटन के साथ-साथ, राज्यपाल और उपमुख्यमंत्री ने भविष्य में और अधिक विकास की योजनाओं का संकेत दिया। रिवर फ्रंट के दूसरे चरण के तहत बीहर नदी के अन्य हिस्सों को भी विकसित किया जाएगा, जिससे यह क्षेत्र पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र बनेगा। इसके अलावा, पंचमठ धाम में भी धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
रीवा का यह रिवर फ्रंट और पंचमठ धाम क्षेत्र को एक नई पहचान देने का काम करेगा। प्रदेश के पहले रिवर फ्रंट की स्थापना से न केवल पर्यावरणीय विकास होगा, बल्कि यह रीवा को एक प्रमुख पर्यटन स्थल बनाने में भी सहायक सिद्ध होगा।