Sidhi24news;लोकायुक्त की कार्रवाई: नगर पंचायत चुरहट के लेखापाल को रिश्वत लेते पकड़ा गया
सीधी/हाल ही में लोकायुक्त ने नगर पंचायत चुरहट में पदस्थ प्रभारी लेखापाल विष्णु राम शर्मा को पैंसठ सौ रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई रीवा की लोकायुक्त टीम द्वारा की गई, जिसमें उप पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र कुमार के नेतृत्व में 12 सदस्यीय दल शामिल था। यह मामला तब प्रकाश में आया जब अभिमन्यु सिंह, निवासी चंदैनिया, ने लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई कि उन्होंने नगर पंचायत चुरहट में एक निर्माण कार्य किया है, जिसका भुगतान लंबित है।
अभिमन्यु सिंह ने शिकायत में बताया कि भुगतान के लिए लेखापाल विष्णु राम शर्मा ने पैंसठ सौ रुपये की रिश्वत मांगी थी। उन्होंने कहा कि यदि पैसा नहीं दिया गया, तो उनका बिल का भुगतान नहीं किया जाएगा। यह सुनकर अभिमन्यु ने लोकायुक्त से सहायता मांगी, जिसके बाद इस मामले की जांच शुरू की गई।
जांच के दौरान लोकायुक्त अधीक्षक गोपाल धाकड़ ने मामले की पुष्टि करने के लिए एक टीम गठित की। टीम ने सभी आवश्यक बिंदुओं की जांच की और सुनिश्चित किया कि रिश्वत मांगने की बात सही है। इस आधार पर शुक्रवार को ट्रैप कार्रवाई का निर्णय लिया गया। ट्रैप के दौरान लेखापाल को नगर पंचायत के अपने कार्यालय में रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया।
मौके पर मौजूद सूत्रों द्वारा बताया गया कि कार्यवाही की भनक लगते ही नगर परिषद सीएमओ मौके से फरार हो गए हैं।
इस घटना से नगर पंचायत चुरहट में हड़कंप मच गया। लंबे समय से लेखापाल की मनमानी और भ्रष्टाचार की चर्चाएँ होती रही हैं। आरोप है कि लेखापाल ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अन्य संविदा कर्मियों को भी परेशान किया। लोकायुक्त की इस कार्रवाई से न केवल लेखापाल, बल्कि कार्यालय में काम कर रहे अन्य अधिकारियों में भी डर का माहौल बन गया है।
इस गिरफ्तारी के बाद लोकायुक्त ने यह भी संकेत दिया है कि आगे की जांच में अन्य मामलों का भी खुलासा हो सकता है। इससे पहले भी लेखापाल विष्णु राम शर्मा की भ्रष्टाचार को लेकर शिकायतें आई थीं, लेकिन यह पहली बार है जब उन्हें रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया है। लोकायुक्त ने स्पष्ट किया है कि इस प्रकार की कार्रवाई भविष्य में भी जारी रहेगी, ताकि सरकारी विभागों में पारदर्शिता और ईमानदारी सुनिश्चित की जा सके।
इस घटनाक्रम ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है। स्थानीय लोगों में इस कार्रवाई को लेकर उत्साह है और उन्हें विश्वास है कि इससे सरकारी कामकाज में सुधार होगा। लोकायुक्त की सक्रियता से यह उम्मीद जताई जा रही है कि नगर पंचायत चुरहट में कार्य करने वाले संविदा कर्मियों और आम जनता को अब बिना किसी डर के अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाने का मौका मिलेगा।
इस प्रकार, लोकायुक्त की कार्रवाई न केवल एक भ्रष्ट अधिकारी की पहचान कराती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। यह घटना एक चेतावनी के रूप में काम करेगी कि सरकारी अधिकारियों को अपने कार्यों के प्रति जिम्मेदार और ईमानदार रहना होगा, अन्यथा उन्हें कानून का सामना करना पड़ सकता है।