Sidhi24news:कलेक्टर ने दिया 37 छात्रावास अधीक्षकों को नोटिस
रीवा में कलेक्टर ने कम संख्या वाले छात्रावासों के अधीक्षकों को 21 अक्टूबर तक का अल्टीमेटम दिया है। जहां 21 अक्टूबर के बाद अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के छात्रावासों में छात्रों की संख्या कम होने पर अधीक्षकों पर कार्यवाही की जाएगी।
कलेक्टर के मुताबिक निर्धारित संख्या के अनुसार छात्रावास में छात्रों की संख्या होना अधीक्षक की जिम्मेदारी है। जिस जिम्मेदारी से अभी तक ये अधीक्षक पल्ला झाड़ रहे थे। इसलिए सख्ती दिखाई गई।
3 दिन के भीतर जवाब मांगा
कलेक्टर प्रतिभा पाल ने बताया कि आगे भी समीक्षा जारी रहने वाली है। छात्रावासों में रहने वाले छात्र-छात्राओं की सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाएगा। जिन भी अधीक्षकों को नोटिस जारी किए गए हैं। उनसे पहले ही लापरवाही पर 3 दिन के भीतर जवाब मांगा जा चुका है। जवाब संतोष जनक न होने पर कार्रवाई की जाएगी।
कलेक्टर ने आगे बताया कि मैंने आदिमजाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित छात्रावास की व्यवस्थाओं की समीक्षा की थी। समीक्षा के दौरान कई छात्रावासों में गंभीर कमियां पाई गई। जहां कम परीक्षा परिणाम वाले 10 अधीक्षकों और छात्रावासों में विद्यार्थियों के प्रवेश में रूचि न दिखाने वाले 27 अधीक्षकों
को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। सभी कोउपस्थित होकर जवाब देना होगा। नोटिस का संतोषजनक उत्तर नहीं देने पर कड़ी अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। मंगलवार को एक मौका देते हुए संख्या बढ़ाने के लिए 21 अक्टूबर तक का समय भी दिया गया है।
इन्हें कारण बताओ नोटिस दिया गया
कलेक्टर ने अधीक्षक भैयालाल साहनी, राजमणि कोल, संतोष कुमार सोनी, अरूण कुमार पाण्डेय, कृष्णकांत द्विवेदी, अधीक्षिका सुधा रावत, मुन्नी देवी त्रिपाठी, अरूणा दुबे और रीना देवी वर्मा को कम परीक्षा परिणाम होने पर कारण बताओ नोटिस दिया है। जबकि कम प्रवेश होने पर अधीक्षक अच्छेलाल कोल, प्रहलाद रावत, संतोष कुमार तिवारी, यदुवंश रावत, महेन्द्र कुमार द्विवेदी, बाबूलाल कोल, महेन्द्र सिंह गहरवार, संदीप श्रीवास्तव, ऋषिकेश पाण्डेय, विष्णु दांगी, रंगनाथ तिवारी, नागेन्द्र मिश्रा, ऋषिकेश मिश्रा, अभिषेक कुमार वर्मा तथा सूर्यपाल पटेल सहित अधीक्षिका नीता रावत, ऋतु मिश्रा, प्रमिला शुक्ला, किरण चौधरी, ऊषा शुक्ला, सविता तिवारी, कलावती साकेत, मैनाबाई, श्रीमती संतोष कुमारी, राजकुमारी साकेत व श्यामकली सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी कर तीन दिन के भीतर जवाब मांगा है।