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Sidhi24news;आदिवासियों की आँखों में पट्टी बांध कर, विधायक के चाहतों ने अपने निजी घरों मे लगवा ली सोलर लाइट

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Sidhi24news;आदिवासियों की आँखों में पट्टी बांध कर, विधायक के चाहतों ने अपने निजी घरों मे लगवा ली सोलर लाइट

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रीवा जिले के गुढ़ विधानसभा क्षेत्र में हुआ सोलर लाइट घोटाला, मामले की हाई लेवल पर जांच शुरू.

रीवा जिले के गुढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत भ्रष्टाचार किस तरह से सिर चढ़कर बोल रहा है, इस बात का इस घोटाले से बड़ा सबूत और क्या हो सकता है. की मात्र 50% कार्य करके 100% का भुगतान करा लिया गया है. यही नहीं जो लाइट आदिवासी बस्तियों में लगाई जानी थी उस उस लाइट को. बड़े और संपन्न लोगों के घरों में लगा कर बेचारे आदिवासियों का हक मारा गया है. जिसकी बड़े लेबल पर जांच शुरू हो चुकी है. इस घोटाले की गूँज रीवा से भोपाल तक है. जिसकी जांच शुरू है. इसी तारतम्य मे गुढ़ एसडीएम अनुराग तिवारी व दुआरी सर्किल तहसीलदार समेत अन्य राजस्व कर्मचारी ग्राम पंचायत बरसैता एवं डढ़वा पहुचें जहां इस बड़े फर्जीवाड़े की जांच शुरू की गई है. जांच के दौरान अनेक अनियमितताएं समाने आई है. अधिकारियों से जब इस जांच के संबंध में जानने का प्रयास किया गया तो उनका कहना था कि जांच जारी है. जिसके पूरी हो जाने के बाद ही मामले का खुलासा किया जा सकता है.. 

कलेक्टर के निर्देशन पर गुढ एसडीएम व तहसीलदार जांच करने पहुंचे ग्राम बरसैता और डढ़वा

लेकिन सूत्रों की माने तो सोलर लाइट लगाने की मुहिम में बड़ा घोटाला और अनेक अनियमितताएं की गई हैं..गांव में लगने वाली सोलर लाइट आदिवासी बस्तियों में लगनी थी परंतु विधायक के कुछ चहेते चमचों ने इसे अपने व अपने लोगों के घरों लगा दिया गया है. सबसे अधिक फर्जी बाड़ा रीवा जिले के गुढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत बरसैता और डढ़वा मे निकल कर सामने आया है.. इस घोटाले के संबंध में जब बरसैता सरपंच रामाश्रय कोल से बात की गई तो उन्होंने बताया कि सरकार आदिवासियों को मिलने वाली तमाम सुविधाएं मुहैया कराना चाहती है. लेकिन इन्हें कुछ मिल पाना मुस्किल कार्य है.. क्योंकि समाज के कुछ बड़े और भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों का कब्जा है, और पीड़ित बंचित आदिवासियों का हक छीन कर सरकारी सेवाओं में तैनात कर्मचारियों एवं वकील. पंचायत सचिव. व सामान्य वर्ग के धनाढ्य लोगों को लाभ दिया जा रहा है. इसका सबसे बड़ा उदाहरण विधायक निधि से लगने वाली सौर ऊर्जा स्ट्रीट लाइट है. जो लगनी तो आदिवासी बस्ती में थी लेकिन आदिवासी बस्ती को छोड़ पूरी की पूरी लाइट सामान्य वर्ग के लोगों के निजी घरों में लगवा कर आदिवासियों को ठेंगा दिखा दिया गया है. सरपंच ने य़ह भी कहा कि गांवों में मनमानी तरीके से विधायक के दलाल और ठेकेदार मिल कर भ्रष्टाचार किय है जिसमें ना तो पंचायत सरपंच से सहमति ली गई ना ही सचिव से. जिसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए. सोलर लाइट विधायक व ठेकेदार के चहेतों द्वारा मनमानी तरीके से अपने अपने घरों में लगवा ली गई है.. और तो और 30-30 सोलर लाइट बरसैता और डढ़वा पंचायत में लगनी थी. और 30. लाइट प्रति गांव के हिसाब से ठेकेदार को पेमेंट भी किया गया है.. लेकिन हैरानी की बात य़ह है कि जांच के दौरान महज 50 प्रतिशत से भी कम लाइट मौके पर अधिकारियों को देखने को मिली और आदिवासी बस्ती में लगने वाली लाइट सामान्य लोगों के घरों में लगी पाई गई है !बरसैता मे 30, लाइट लगनी थी लेकिन लगाई मात्र 13 ही गई है..इसी तरीके डढ़वा में भी 30 की जगह मुस्किल से 14. 15. लोगों के घरों में ही लाइट लगाई गई है बांकी लाइट कहाँ चली गई इसका पता आज तक नहीं चल पाया है.. इधर जांच अधिकारियों द्वारा लगाई गई लाइट की विधिबत सूची तैयार कर जांच प्रतिवेदन कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा है.

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