एक पेड़ मां के नाम लगाने से कुसमी उद्यानकी मे नन्हे पौधो की मांग बढी
अमित श्रीवास्तव।
सीधी जिले में के कुसमी मुख्यालय अंतर्गत उद्यानकी केन्द्र रौहाल से ज्यादा संख्या मे नन्हें पौधों की कलम तैयार किये जा रहे है।इस समय कुसमी जनपद पंचायत के समस्त ग्राम पंचायतो मे नन्हे पौधो का रोपण हो रहा है और किसान भी पौधा खरीदकर रोप रहे है जिससे पौधो की मांग काफी तेजी से हो रही है।पर स्टाफ की कमी और पौधो की और बेराआइटी न होने से लोगो कही न कही उदासी भी देखी गई है।
इन पौधो की है मांग
उद्यान की विभाग कुसमी के माली एस एन साकेत से जब मीडिया कर्मी ने बात की तब उन्होंने बताया कि पर्याप्त संख्या में अपने पास नन्हे पौधे उपलब्ध हैं कई वैरायटी के पौधे हैं और क्षेत्र में अधिकतर मांग आम आमरूद नीबू संतरा मुसंम्मी कटहल बीही मीठी नीम पपीता की हो रही है इन सभी पौधो के कई बेराइटी हमारे पास है।आम का बारह मासी का पौधा है जो इस समय गौर देकर फल भी रहा है लोगो का मनमोहक बना हुआ है।उसका हम नन्हा पौधा बनाने के लिये कलम तैयार कर रहे है।
उद्यानिकी विभाग के प्रमुख माली श्री साकेत का कहना यह भी है कि इस बार पौधों की अच्छी बिक्री हो रही है। मुख्यमंत्री जी का अभियान एक पौधा मां के नाम को लेकर लोग पीपल,आम,अमरुद,नींबू,जामुन, बरगद आदि के पौध खरीदकर ले जा रहे हैं। पिछले पन्द्रह दिन में 5हजार से अधिक पौधे हम दे चुके है और पंचायतो मे देने के लिये तैयार कर रहे है। माना जा रहा है कि इस बार पौधा बिक्री में अलग ही रिकार्ड बनेगा।
कई व्यवस्थाओं का है आभाव
उद्यानिकी केन्द्र में पहुंचे मीडिया कर्मी ने जब वहां पर उपस्थित रौहाल के ग्रामीणो से बात की तब ग्रामीणों ने बताया कि उद्यानिकी विभाग में बिजली का अभाव है बिजली कनेक्शन के अभाव के कारण नन्हे पौधे तैयार न होने से लोगों को दिक्कतें भी हो रही हैं और सीधी उद्यानकी के वरिष्ठ अधिकारी कुसमी उद्यानकी का निरीक्षण करते रहें तो कई वैरायटी के बीज एवं कई नस्ल के पौधे कुसमी उद्यानकी में आ सकते हैं कुछ ऐसे पौधे हैं जिनका अभाव अभी बना हुआ है वही सब्जी बीच पहले विभाग में आया करता था लेकिन अब सब्जी बीज नही आने से आदिवासी अंचल के ग्रामीणों में कहीं ना कहीं उदासी का देखी गई।