Sidhi24news:नाबालिग भतीजी के साथ दुष्कर्म के आरोपी चाचा को आजीवन कारावास की सजा व जुर्माना
सीधी- जिले में मानवता को शर्मसार करने वाले एक व्यक्ति न्यायालय द्वारा आजीवन कारावास एवं पचास हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है। आरोपी पर अपनी भतीजी के साथ दुष्कर्म का आरोप सिद्ध पाया गया है।
बताया गया कि दिनांक 13.08.2021 को अभियोक्त्री की माँ ने पुलिस चौकी मड़वास में रिपोर्ट लेख कराई कि करीब 02 माह पूर्व एक रात वह अपने तीनों बच्चों को लेकर सो रही थी, सुबह उठकर देखी कि उसकी पुत्री अभियोक्त्री का बिस्तर खून से लथपथ था, उसके पूछने पर अभियोक्त्री बताई कि उसका चाचा आरोपी उसे झाडू लगाने को अपने घर बुलाया, उस समय घर में कोई नहीं था, आरोपी उसे पकड़ कर कमरे में ले गया और उसके कपडे उतार कर उसके साथ बलात्कार करने लगा, जब वह रोने चिल्लाने लगी तो उसका मुंह दबा दिए और बोला कि यदि वह रोयेगी तो मार डालेगा, तब वह डर के कारण घटना किसी को नहीं बताई। फिर अगले दिन उसे अपने साथ गौशाला ले गया और वहां भी उसके साथ बलात्कार किया और उसे बहुत डांटा और बोला कि किसी को बताएगी तो उसे जान से मार डालेगा, तब वह डर के कारण किसी को नहीं बताई। आरोपी उसका देवर था, इस कारण से उसके घर वाले उस पर दबाव बनाए थे कि रिपोर्ट मत करो,किंतु उसकी लडकी की तबीयत खराब होती गई, इसलिए वह घटना की सूचना पुलिस को दी है। अभियोक्त्री की माँ की उक्त सूचना पर पुलिस चौकी मड़वास में देहाती नालिसी तैयार की गई। थाना मझौली में असल अपराध क्र. 0775/2021 अंतर्गत भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 376AB, 376(2) (च), 376(2)(n), 506, एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 की धारा 5m, 5n, 5l/6 का अपराध पंजीबद्ध किया गया। अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया। मौका नक्शा तैयार किया गया। पीड़िता एवं अन्य साक्षियों के कथन लेखबद्ध किए गए। पीड़िता एवं अभियुक्त का मेडीकल परीक्षण कराया गया। अभियोक्त्री का मिश्रा नर्सिंग होम में किए गए ईलाज के दस्तावेज प्राप्त किए गए एवं अभियोक्त्री का ईलाज श्यामशाह मेडीकल कॉलेज, रीवा में भी कराया गया, जहां से ईलाज के दस्तावेज प्राप्त किए गए। विवेचना उपरांत अभियुक्त के विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 376AB, 376(2) (च), 376(2) (n), 506, 326 एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 की धारा 5m, 5n, 5l/6 के अन्तर्गत अभियोग पत्र माननीय विशेष न्यायालय पॉक्सो एक्ट सीधी में प्रस्तुत किया गया, जिसके न्यायालयीन सत्र प्र. क्र. 112/21 में शासन की ओर से शसक्त पैरवी करते हुए जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्रीमती भारती शर्मा द्वारा अभियुक्त को संदेह से परे प्रमाणित कराया गया। परिणामस्वरूप माननीय विशेष न्यायाधीश, पॉक्सो एक्ट सीधी की न्यायालय के द्वारा अभियुक्त को धारा 5(एम)/6 पॉक्सो एक्ट में आजीवन कारावास एवं 50,000/- रू. अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया गया। साथ ही अर्थदण्ड की कुल धनराशि रूपये 50,000/- रूपये अभियोक्त्री को धारा 357(1)(बी) द.प्र.स. के प्रावधानों के अनुसार अपील अवधि पश्चात् अपील न होने की स्थिति में अभियोक्त्री को क्षतिपूर्ति के रूप में प्रदान किये जाने का भी आदेश पारित किया गया। इसके अतिरिक्त अभियोक्त्री को क्षतिपूर्ति के रूप में तीन लाख रूपये दिलाये जाने का भी आदेश पारित किया गया है।