हिरन नदी से हटाया जाए अतिक्रमण -जय
सीधी । शहर की हिरन नदी को अतिक्रमण मुक्त करा सूखा नदी की तरह साफ-सफाई , चौड़ीकरण के साथ मुख्य मार्ग से एप्रोच सड़क निर्माण एवं सौंदर्यीकरण का कार्य करवाया जाये। इसके लिए प्रशासन, जनप्रतिनिधियों और समाजसेवियों के संयुक्त प्रयास की जरूरत है। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता जय सिंह राजू ने कहा है कि शहर में पानी से समृद्ध रही हिरन नदी बढ़ते अतिक्रमण और प्रशासनिक निष्क्रियता के चलते नाले में तब्दील हो चुकी है।नदी से नाले में परिवर्तित हिरन नदी के अस्तित्व पर ही अब संकट मंडरा रहा है। ऐसे में हिरन नदी को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए सभी को आवाज बुलंद करने की जरूरत है। श्री सिंह ने कहा कि पांच दशक पूर्व तक हिरन नदी भारी जल भराव के साथ प्रवाहित होती थी और इसकी चौड़ाई भी 200 फिट से ज्यादा थी। अस्सी के दशक तक नदी में नहाने के कई घाट थे। यहां के घाटों में महिला -पुरूष, बच्चे नियमित रूप से स्नान और कपड़ा धोने के लिए जाते थे। थनहवा टोला से लेकर सिंगरौली रोड में हिरन नदी पर बनी पुल तक के बीच जगह -जगह बनें घाटों में सुबह से लेकर शाम तक लोगों का जमघट लगा रहता था। थनहवा टोला, जामा मस्जिद के पीछे और चकदही मार्ग में बड़े घाट थे। यहां आधे बाजार क्षेत्र के रहवासी स्नान के लिए आते थे। अस्सी के आधे दशक के बाद हिरन नदी के दोनों किनारों में स्थित भूमि में अवैध कब्जा करने की होड़ मच गयी। साथ ही झोपड़ पट्टी बनाकर कुछ लोगों ने नजूल एवं राजस्व विभाग से सांठगांठ बनाकर पट्टा भी हासिल कर लिया। बाद में विभागीय अमले का संरक्षण भी मिलना शुरू हो गया।