सीधी- पटवरी का कारनामा,न बिक्री, न रजिस्ट्री और न ही वारिसाना, फिर भी पट्टे की जमीन का कर दिया मनमानी नामांतरण
-नक्सा सुधार के नाम पर किसान से 40 हजार वसूले,और जमीन कर दी दूसरों के नाम
सीधी- मनमानी को लेकर अक्सर चर्चा में रहने वाले राजस्व विभाग के पटवारी का एक और कारनामा निकालकर सामने आया है जहां पटवारी द्वारा बिना बिक्री बिना रजिस्ट्री और बिना वारिसाना के ही किसान की जमीन मनमाने तौर पर कई लोगों को बांट दी गई और अब फरियाद करने पर अपनी गलती मानने के बजाय उन्हें घुडकियां दे रहे हैं। किसान की माने तो नक्शा सुधार के नाम पर उनसे ₹40000 की मांग की गई थी लेकिन पैसा देने के बाद भी पटवारी द्वारा उनकी जमीन कई लोगों को बांट दी गई है। जबकि जमीन बैक में बंधक भी है।अब किसान जमीन के लिए जगह-जगह अधिकारियों के पास आवेदन देते फिर रहा है।
गौरतलब है कि तहसील कुसमी क्षेत्र अंतर्गत नौढ़िया देवर्थ ग्राम निवासी किसान हीरालाल विश्वकर्मा पिता गंगादीन विश्वकर्मा ने जानकारी देते हुए बताया है कि मेरे स्वयं के पट्टे की भूमि खसरा क्रमांक एवं रकवा 44/0.3100 हे.45/0.2500 हे.46/0.2500 कुल किया 3 कुल रकवा 0.8100 हे. भूमि थी जिसे उनके द्वारा किसी भी व्यक्ति को विक्री नही किया गया न ही किसी के नाम रजिस्ट्री कराई गई है। लेकिन पटवारी चन्द्रप्रताप सिंह हल्का क्र.29 कोड़ार ग्राम पंचा कोडार द्वारा भूमि के खसरे का रिनंबरिग करते हुए उक्त जमीनों को विभिन्न लोगों के नाम नामांतरण कर दिया गया है। किसान द्वारा जब पटवारी से इस बारे में बात की गई तो उन्होंने अपनी गलती मानने के बजाय पूरे मामले से पल्ला झाडते हुए न्यायालय जाने की सलाह दी जा रही है।
उक्त पूरे मामले में अब किसान दर दर न्याय के लिए भटक रहा है और अधिकारियों से न्याय कि आस में है।
जबकि 3 /6/ 2021
से मध्यांचल ग्रामीण बैंक शाखा कुसमी में बंधक उपरांत भूमि का ना तो बिक्री होता है ना ही रजिस्ट्री होता है फिर भी पटवारी के द्वारा विभिन्न व्यक्तियों के नाम नामांतरण किया गया