अकबरनगर में फिर गरजा बुल्डोजर, 277 मकान किए जाएंगे ध्वस्त…
लखनऊ : राजधानी के अकबरनगर इलाके में अवैध निर्माण के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई एक बार फिर शुरू हो गई है. सोमवार को एलडीए के अधिकारी पुलिस बल और दर्जनों जेसीबी के साथ अकबरनगर पहुंची और उन अवैध निर्माण को गिराने की कार्रवाई शुरू की, जो ध्वस्तीकरण के विरोध में कोर्ट नहीं गए हैं. कार्रवाई की चलते अकबरनगर की ओर जाने वाले ट्रैफिक का रूट डायवर्जन किया गया है. वहीं समाजवादी पार्टी ने इस करवाई का विरोध किया है.
सोमवार सुबह ही एलडीए उपाध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी अपने दल बल और पुलिस फोर्स के साथ अकबर नगर पहुंचे और उन अवैध निर्माण को चिन्हित किया, जो ध्वस्तीकरण के विरोध में कोर्ट नहीं गए थे. इसके बाद एलडीए और नगर निगम के अधिकारियों ने दर्जनों जेसीबी की मदद से पक्के मकानों के पहले अवैध झुग्गी झोपड़ियों से सामान बाहर निकाल कर उन्हें हटाया. कोर्ट के फैसले के बाद बाकी मकानों पर कार्रवाई एलडीए की टीम द्वारा की जाएगी.
बता दें कि दिसंबर माह में एलडीए करीब 200 घर-दुकान गिरा चुकी है. इसी के खिलाफ के खिलाफ अकबरनगर में रहने वाले हाईकोर्ट गए थे. हालांकि इनमें 277 लोग ऐसे हैं, जो कोर्ट नहीं गए. बीते दिनों कोर्ट ने निर्देश दिया गया था कि जिनके मामले कोर्ट में नहीं हैं, अगर उनके निर्माण अवैध हैं तो प्रशासन नियमानुसार कार्रवाई कर सकता है. इसके बाद एलडीए ने इन 277 घर व दुकानों को चिन्हित किया और अब इन पर बुल्डोजर की कार्रवाई की जा रही है.
वहीं सोमवार को एलडीए की इस कार्रवाई से तिलमिलाई समाजवादी पार्टी ने नाराजगी जाहिर की है. पार्टी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा कि ‘बुलडोजर से आशियानों को उजाड़ने की बीजेपी की गारंटी! लखनऊ के अकबरपुर में गरीबों के मकानों पर बुल्डोजर चला रही भाजपा सरकार. नाले पर रिवर फ्रंट बनाने के फर्जी विकास के नाम पर बस्ती उजाड़ रहे मुख्यमंत्री. पीड़ितों को विस्थापित किए बिना ये कार्रवाई गैरकानूनी.’
दरअसल, योगी सरकार कुकरैल नदी को रिवर फ्रंट के रूप में विकसित कर रही है. ऐसे में प्रशासन ने कुकरैल नदी के किनारे अवैध रूप से निर्माण कर रहने वालों को विस्थापन करने और उनके निर्माण को ध्वस्त करने के लिए अभियान चलाया था. जिसके बाद दिसंबर माह में कार्रवाई शुरू हुई थी और कुछ दुकानें व घर जमींदोज किए गए थे. लेकिन इसी बीच कुछ लोग हाईकोर्ट चले गए और कोर्ट ने धवस्तीकरण में अग्रिम आदेश तक रोक लगा दी थी.