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लोगों का मुंह चिढ़ा रहा करोड़ों की लागत का ट्रामा सेंटर

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लोगों का मुंह चिढ़ा रहा करोड़ों की लागत का ट्रामा सेंट

– ठेकेदार और अस्पताल प्रबंधन की खींचतान में लोग हो रहे परेशान

सीधी जिले में 14 करोड़ की लागत से निर्मित 100 बिस्तर वाला ट्रामा सेंटर लोगों का मुंह चिढ़ा रहा है। लम्बे समय से चले कार्य के बाद बनकर तैयार हुआ यह ट्रामा सेंटर उपयोगिता विहीन महज शोपीस बना हुआ है। लोग इसे देख रहे हैं लेकिन इसका लाभ उन्हे नहीं मिल पा रहा है। करोड़ों की लागत का यह भवन धूल फांक रहा है और आश्चर्य की बात तो यह है कि इसे तत्कालीन सीएम द्वारा लोकार्पित कर लोगों को सौंप दिया गया है। लेकिन अभी तक स्वास्थ्य विभाग द्वारा ठेकेदार से इसे हैण्डओवर नहीं लिया गया है। ठेकेदार और अस्पताल प्रबंधन की आपसी खींचतान का खामियाजा जिले के आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है और लोग परेशान हो रहे हैं।
जानकारी के अनुसार सीधी जिले में स्थित जिला चिकित्सालय परिसर में 100 बिस्तर वाले ट्रामा सेंटर की सौगात तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान द्वारा जिले वासियों को दी गई थी जिसका टेंडर पीआईयू द्वारा रूही कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया गया था। करीब 14 करोड़ की लागत से यह ट्रामा सेंटर बनकर तैयार हो गया है और करीब 6 महीने पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा इसका लोकार्पण भी कर दिया गया है पर स्वास्थ्य विभाग ने अभी इसे ठेकेदार से हैण्डओवर नहीं लिया है। जिसके कारण यह धूल फांक रहा है। इस बारे में जब जिला अस्पताल के प्रबंधन से बात की गई तो बताया गया कि बिल्डिंग बनकर तो तैयार है लेकिन कई छोटे-छोटे काम अभी पूरे नहीं हुए हैं। जिसके चलते विभाग ने ट्रामा सेंटर को स्वीकार नहीं किया है। यहां पर अभी फायर सेफ्टी का कार्य लंबित पडा हैं जिसके कारण अभी इसे शुरू नहीं किया जा सका है। गौरतलब है की जिला चिकित्सालय में मरीजों को हो रही समस्याओं के चलते इस ट्रामा सेंटर का निर्माण करवाया गया था। 100 बिस्तर वाले इस ट्रामा सेंटर में दो मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर, ओपीडी व अन्य सुविधाएं समाहित है। लेकिन ठेकेदार और विभाग के बीच सामजस्य न बन पाने के कारण यह ट्रामा सेंटर बेकार पड़ा हुआ है। लोगों के सामने सर्व सुविधायुक्त ट्रामा सेंटर बनकर तैयार है लेकिन लोगों को इसकी सुविधा नहीं मिल पा रही हैं कई वर्षों तक चले निर्माण कार्य के बाद ठेकेदार द्वारा शर्तें पूरी नहीं कर पाई गई है जिसके कारण यह अभी उपयोग में नहीं है। ठेकेदार की माने तो कार्य पूर्ण हो गया है जबकि विभाग इसे लेने से इनकार कर रहा है कहीं ना कहीं ठेकेदार और विभाग के बीच अनबन के चलते लोगों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है।

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अस्पताल में सुविधाओं और जगह की है कमी

जिला अस्पताल सीधी में अक्सर दूर-दराज से पहुंचने वाले मरीजों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण अस्पताल में बेड की समस्याएं होती रहती हैं। आए दिन जमीन पर लिटाकर लोगों का इलाज किया जाता है। यहां संचालित ऑपरेशन थिएटर भी काफी पुराना है और महज एक ऑपरेशन थिएटर के सहारे जिले भर के मरीजों का इलाज किया जा रहा है। ओपीडी कक्षों की भी कमी है जिसके चलते डॉक्टर के पास मरीजों की भारी भीड़ देखी जाती है। एक-एक कक्ष में कई चिकित्सक ओपीडी में मरीजों को देखते हैं। ऐसे में बनकर तैयार सर्व सुविधा युक्त ट्रामा सेंटर जिसका लोकार्पण भी किया जा चुका है उसकी बदहाली और उपयोगहीनता लोगों को रास नहीं आ रही। महज छोटे-छोटे कामों के कारण करोड़ों की बिल्डिंग बेकार पड़ी हुई है।

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