चर्चाओं का दौर है,बातें जैसे मुंह का कौर है,कल पता चलेगा सीधी का विधायक कौन है…
जी हां मतदान के बाद चल रहे लंबे इंतजार की घड़ियां कल खत्म हो जाएंगी और चुनावी पंडितों एवं गणितज्ञों की परख भी कल उभर कर सामने आ जाएगी मतदान के बाद लंबी मंत्रणा और चुनावी तुक्के साधने वालों की बैठके भी लगभग समाप्त हो जाएगी।
सीधी जिले में वैसे तो त्रिकोणी मुकाबला माना जा रहा है लेकिन असली उठा पटक तो फूल और हाथ के बीच ही मानी जा रही है,देखने की बात यह है की फूल खिलता है या हाथ मजबूत होता है।
सीधी विधानसभा सीट एक अत्यंत महत्वपूर्ण सीट मानी जाती रही है और इस बार सबसे ज्यादा दावेदार यहीं से थे। एक ओर जहां भाजपा ने बनी बनाई सीट पर परिवर्तन कर नया प्रयोग साधा है तो वहीं कांग्रेस ने भी परंपराओं को दरकिनार कर मैदान में नया मजबूत खिलाड़ी उतारा है, हालांकि बाकियों ने भी मोर्चा बखूबी संभाला है लेकिन जीत और हार का आंकलन करने वाले दोनों चिर परिचित दालों को ही प्रतिद्वंदी मान रहे हैं।
चुनावी बिसात बिछने के बाद से ही चर्चाओं का दौरा शुरू था लोग बातें और दावे तो ऐसे कर रहे थे जैसे भोजन का निवाला लिया और गटक डाला लेकिन सब हैरान भी थे की क्या होने वाला है पुराना रहेगा या नया आने वाला है और नए में भी कौन सा नया आएगा इसी बात को लेकर जगह-जगह कानाफूसी और चर्चाएं जोरों पर हैं मतदान तक सबने हर कोर कसर से प्रयास किया और मतदान के बाद इंतजार…!इंतजार की यह आखिरी रात लगभग सब पर भारी है क्योंकि दोपहर तक मेहनत और दावों के परिणाम आने की बारी है देखना यह है की परिणाम और रुझान चर्चाओं के अनुरूप आते हैं या फिर दाबे और प्रयास धरे के धरे रह जाते हैं कल क्या परिणाम आएगा वर्तमान सरकार की नीति रीती को पर लगती है, या कांग्रेस की गारंटी लोगों को भाती है या फिर वर्तमान विधायक की सेवा और मेहनत रंग लाती है।