Sidhi cort news: सीधी में हत्यारी माँ को आजीवन कठोर कारावास की सजा
सीधी-अपने ही बच्चों को जहर देकर हत्या करने वाली मॉ के चिन्हित मामले में सत्र न्यायाधीश सीधी ने सुनाई आजीवन कठोर कारावास की सजा सुनाई है। मीडिया सेल प्रभारी कु. सीनू वर्मा द्वारा बताया गया कि 11 अक्टूबर 2022 को सत्यम जायसवाल उम्र 4 वर्ष, सनम जायसवाल उम्र 2 वर्ष, शुभम जायसवाल उम्र 14 माह के जहरीला पदार्थ खाकर भर्ती होने की सूचना जिला अस्पताल सीधी से पुलिस सहायता केन्द्र सीधी को दी गई। पीडित सनम जायसवाल एवं शुभम जायसवाल की हालत गंभीर होने से उन्हें एसजीएमएच रीवा उपचार हेतु रेफर किया गया, जहां उनकी 19 अक्टूबर 2022 एवं 20 अक्टूबर 2022 को मृत्यु हो जाने पर पुलिस चौकी एसजीएमएच रीवा में मृतक सनम जायसवाल एवं मृतक शुभम जायसवाल के सम्बन्ध में मर्ग इंटीमेशन दर्ज की गई। मृतकों के पोस्ट मार्टम से उनके किसी अज्ञात विषैले पदार्थ के सेवन से मृत्यु होना पाया गया। उक्त अपराध थाना बहरी क्षेत्रान्तर्गत होने से थाना बहरी में पुलिस चौकी एसजीएमएच रीवा से मृतक सनम जायसवाल के सम्बन्ध में मर्ग इंटीमेशन प्राप्त होने पर मामला दर्ज किया गया। दौरान विवेचना पाया गया कि मृतकों की मॉ निर्मला जायसवाल ने अपने तीनो बालकों सत्यम जायसवाल उम्र 4 वर्ष, सनम जायसवाल उम्र 2 वर्ष, शुभम जायसवाल उम्र 14 माह को जानबूझकर जहर खिलाकर स्वयं जहर खा ली थी, जिससे उससे दो बच्चों की मृत्यु हो गई और अन्य दोनो को उपचार से बचा लिया गया। घटना के संबंध में थाना बहरी में अप.क्र. 635/22 अन्तर्गत धारा 302 भादसं की प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध की गई। पुलिस अधीक्षक सीधी द्वारा उक्त प्रकरण को जघन्य एवं सनसनीखेज प्रकरण की श्रेणी में चिन्हित कर विवेचना के आदेश जारी किये गये। पुलिस द्वारा प्रकरण में विवेचना पूर्ण कर अभियोग पत्र सत्र न्यायालय सीधी के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जिसके न्यायालयीन सत्र प्रकरण क्रमांक 57/23 में शासन की ओर से पैरवी करते हुए सहायक जिला अभियोजन अधिकारी प्रशान्त कुमार पाण्डेय द्वारा अभियुक्त को संदेह से परे प्रमाणित कराया गया एवं लिखित अंतिम तर्क प्रस्तुत किया गया, जिसके परिणामस्वरूप सत्र न्यायाधीश सीधी द्वारा आरोपी निर्मला जायसवाल पत्नी लीलामणि जायसवाल उम्र 24 वर्ष निवासी ग्राम तरका थाना बहरी जिला सीधी को धारा 302 भादवि में आजीवन कठोर कारावास एवं एक हजार रूपये अर्थदण्ड एवं धारा 307 भादवि में 10 वर्ष का कठोर कारावास व एक हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से दण्डित किया गया।